रिश्ते भी कैमरे की रील से हो चले हैं अब
संभाल के सभी ने रखे हैं पर तस्वीर धुंधली है।-
क्योंकि मैनें बीते हुये
खुबसुरत और नायाब लम्हो
को अक्सर तस्वीर में बेसबब
मुस्कुराते हुये देखा है।-
मेरी कलम मेरे अरमान ढूंढने वाले
कहाँ गये सबमें मेहमान ढूंढने वाले
बस रात भर में कैसे बदल गयी दुनिया
कहाँ हैं अस्थियों का सामान ढूंढने वाले
जिसने चाहा मुझे देखकर हँस लिया
नहीं रहे क्या अब कब्रिस्तान ढूंढने वाले
जो अब शहर में आकर अमीर बने बैठे हैं
यही तो हैं बस ग़रीबों में श़ान ढूंढने वाले
मंज़िलों में अक़्सर कहीं खो जाया करते हैं
सिर्फ़ ख़ुद ही के लिए आसमान ढूंढने वाले
कभी लाचारी और भुखमरी की हालत देख
हर इन्सान में भी बस भगवान ढूंढने वाले
ज़िन्दगी खूबसूरत है कैमरे में क़ैद कर लो
कहाँ गये अब हैव़ान में इन्सान ढूंढने वाले
तू सिर्फ़ अपने ख़्वाबों में खो जायेगा "आरिफ़"
चल दिये कहीं अब अपनी पहचान ढूंढने वाले
"कोरा काग़ज़" ही सही अच्छी है ये ज़िन्दगी
मिट गये अब कलम में हिंदुस्तान ढूंढने वाले-
कैमरे में कैद कर लो ज़िन्दगी
अब ये पल लौट के न आयेंगे
तुम बाद में इन्हें जब देखोगे
तो यह आँखें नम कर जाएँगे
वो तस्वीरें फिर से एक बार
यादों को ताज़ा कर जाएगी
जिन्हें देख कर होठों पर
एक अलग सी मुस्कान बिखर जाएगी।
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कुछ पल के लिये खुलता है कैमरे का शटर
और कैद हो जाते हैं हम
जिंदगी भर के लिये-
ले लेता हूँ तस्वीर अपने फोन से ,
जब भी किसी खास के साथ होता हूँ ,
कहते हैं कि ...
आईना गुजरे हुए लम्हें नहीं दिखाता ,
इसलिए उन लम्हों को फोन में कैद कर लेता हूँ।-
कैमरे में कैद कर लो
वो चिड़ियों की चहचहाहट
जुगनू से भरी टिमटिमाता
हवा से भरी सरसराहत
की अब वो दिखने के
दिन नहीं आयेंगे शायद
क्यों की वातावरण
बदल रहा है हर पल-
कैमरे में क़ैद की थी ज़िन्दगी।
ये थी मेरी उनसे बन्दगी।
हर वो पल को सहेजे थे हम,
एक दूसरे की तस्वीरों को,
वालपेपर में लगाए थे हम।
उनके नाम को तमाम चीजों,
का पासवर्ड तक बनाये थे हम।
एक दूजे को Limitation बनाये थे हम,
एक दूजे की पिक Lamination कराये थे हम।
आज भी तस्वीरों से भरी है गैलरी,
बस बंद कमरे में सिमटी है ज़िन्दगी।-
आँखों के कैमरे से खींचता हूँ तस्वीर तेरी
हर बार नया चेहरा सामने आता है-