एक ख्वाब खुशी का देखा नहीं,
देखा जो कभी तो भूल गये,
मांगा हुआ तुम कुछ दे ना सके,
जो तुमने दिया वो सहने दो,
या दिल की सुनो ...
क्या दर्द किसी का लेगा कोई
इतना तो किसी में दर्द नहीं,
बहते हुए आँसू और बहें,
अब ऐसी तसल्ली रहने दो,
या दिल की सुनो दुनिया वालों...
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Tum itna jo..
muskura rahe ho
Kya gum hai jisko..
chhupa rahe ho
Tribute to lagendry poet
"Kaifi Azmi"-
ये नयन डरे-डरे, ये जाम भरे-भरे
ज़रा पीने दो
कल की किसको खबर, इक रात हो के निडर
मुझे जीने दो
रात हसीं, ये चाँद हसीं
तू सबसे हसीं मेरे दिलबर
और तुझसे हसीं तेरा प्यार
तू जाने ना
ये नयन डरे डरे...
प्यार में है जीवन की खुशी
देती है खुशी कई गम भी
मै मान भी लूँ कभी हार
तू माने ना
ये नयन डरे डरे...-
कोई ये कैसे बता ये के वो तन्हा क्यों है ?
वो जो अपना था वोही और किसी का क्यों है ?
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है ?
यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों है ?
एक ज़रा हाथ बढ़ा, दे तो पकड़ले दामन
उसके सीने में समा जाये हमारी धड़कन
इतनी कुर्बत हैं तो फिर फ़ासला इतना क्यों है ?
दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई
एक लुटे घर पे दिया करता हैं दस्तक कोई
आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों है ?
तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता
कहते हैं प्यार का रिश्ता हैं जनम का रिश्ता
हैं जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है ?-
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यूँ है
यही होता है तो आख़िर यही होता क्यूँ है…
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होठों को सी के देखिये, पछताइएगा आप।
हंगामे जाग उठते हैं, अक्सर घुटन के बाद।।-