जब साँसें बहुत
भारी लगने लगे,
तो समझ लेना
या तो ख़त्म
होने वाले हो
या बच गए
तो सब नया होगा।-
लफ़्ज़ों का आसमाँ, शब्दों की उड़ान
बस इतना ही है, मेरी परवाज़ का जहां
Twitter- @devprabhaj9
जब साँसें बहुत
भारी लगने लगे,
तो समझ लेना
या तो ख़त्म
होने वाले हो
या बच गए
तो सब नया होगा।-
जीवन के 2 मूल आधार-
सच्चाई और नैतिकता
इनके बिना तो आप
पशु भी ना कहें ख़ुद को,
उनका अपमान होगा।-
कहीं से भी गिरना लेकिन
किसी की नज़रों से
कभी मत गिरना
फ़िर वहाँ से उठने का
कोई ज़रिया नहीं होता।-
एक तू ही है
दिल को ये तसल्ली रहती थी,
अब ये गुमां भी टूट गया
कि मेरे पास तुम हो।-
बारिश ने वादा किया था
मेरी आँखों से कि इस बार
इन्हें नहीं बरसने देगी
मग़र ये भी धोखेबाज़ निकली
आँखें ही ज़्यादा बरसी।-