यूं ही तन्हा बैठे थे,
उलझे थे तानो बानो में..
एक हवा का झोंका छू गया,
हम खो गए तेरे ख्यालों में..
फिर ना जाने कहाॅं कहाँ,
ये मन उड़ान भरने लगा..
कभी तेरे संग ही उड़ चला,
कभी वक़्त के पीछे चलने लगा..
बड़ा हसीन था ख्बाबों का जहाँ,
बस हम दोनो, ना कोई वहाँ..
सुकून था, करार था,
खुशियाँ थीं, और प्यार था..
बस कुछ पलों का संग तेरा,
बस वो थोड़ी सी रौशनी..
भुला गई हर रंजो गम,
मुझे मिल गई फिर जिंदगी..!
-