QUOTES ON #की

#की quotes

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6 SEP 2020 AT 11:25

छोड़ कर जानें वाले क्या जानें !
की यादों का बोझ कितना भारी होता है।
✍️✍️✍️

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27 DEC 2020 AT 11:48

चंचल चित्त सब पाने को विचलित
सोचूँ.. कौन इस मन की धरा के पग बांधे,

अपनी ही ख्वाईशें ठगती हैं
हमनें लाख.. अँगूठी में नग बांधे,

फिऱ ना कोई मोहः अवतरित हो
यह सोच.. मैंने ख़्वाब नींद से.. अलग बांधे,

उफ़्फ़.. कोई ला के दे मुझे जीवन के सब सुखः
पऱ कौन मुठ्ठी में यह.. जग बांधे!!

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4 MAR 2017 AT 7:42

फिर कबूतऱ ही इस दुनिया मे अपनी हुकूमत करवाऐगा,
मसीहां सुकून का हर जगह तेरे खून का दंगा लडवाऐगा,
भेड़िया बदनाम होता जाऐगा...
एक अच्छा मुहरत देख वो अपनी चोच आख़री बार चुबाऐगा, और सबको उस दिन भेड़ियों का नौश करवाऐगा...
अब अंधेरे मे क्यो,
सुबह उजालों मे हड्डिया जलवाऐगा...
मसीहां वो सबकी नज़रों का अब दिल पे भी राज़ फरमाऐगा...

किसे पता था वो शांति का प्रीत कई एैसे समर करवाऐगा
दिक्त ये है की जिसके लिए हम गोली खाने को त्यार है
बंदूक ताने असल मे वो ही खडा है!!

कहानी सुनाए दो दिन ही हुए थे

Election दस दिन मे होना है और तुम जा रही हो ?
इस बार भी आपकी ही जीत होगी एसा कह नेता जी की बीवी,गाडी मे बैठ मायके को चल दी
क्या खबर थी उनहे की वो अपने घर कभी नही पहुच पाऐंगी
नेता जी एक call करते है और किसी को location समजा रहे होते है फिर मुझे उधर से ही इशारा कर कहते है की जाओ और पीछा करो उसका
मै लाल्ची चील की तरह तेजी से जाता हूं कट्टा पैंट मे फसाऐ bike पे बैठे सोच रहा था शायद,अब तो मै उनका खास हो जाउुंगा

जैसा चाहा वैसा ही सब हुआ
उस रानी को गिराते ही हर जगह शोर मच जाता है
विपकश पार्टी भी घबरा जाती है इतने सवालातों से, सब उन्हे भेड़ियों की पर्जाति का नारा लगा,बद्द पीठ देते है
और कबुतऱ ने हमारे विपक्श के बल को एक चोच मार खत्म कर दिया

उस समर बाद वही हुआ जो होना था मंत्री बन गये वो और हम खास बन गये!!

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आंखों से आंसू बहे मेरे वो
खामखां तो नहीं होगा...
मेरे दर्दो का हिसाब तुम्हे कैसे होगा
बस पूछ रही हूं चंद सवाल
इन सवालों का जवाब तो,
तुम्हारे पास होगा.....💔

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2 OCT 2022 AT 14:27

तुम आना
सभ्यता के उस
पाषाण छिद्र से
प्रेम के लिए
मिटती
ह्वांगहो
नदी की
पीली शाम लिए ...
मैं बैठी मिलूंगी
वहीं उस मिटी
सभ्यता के
विकसित आधुनिक रुप
प्रेम कविता लिए ...
पढ़ना
एक
अंतराल
जो सभ्यता का नही
हृदय का हैं...❤️🍁

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2 MAR 2021 AT 13:17

कितने भी पन्ने क्यों ना पलट लूं!
ऐ ज़िंदगी!
वों कहानी आंखों में पढ़ लेती हैं।
ये "" मां "" भी ना 🤔
ना जाने कैसे कर लेती है।✍️✍️✍️

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30 OCT 2019 AT 21:12

गलत मैं नहीं
गलत लोगों की सोच है


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3 AUG 2020 AT 9:24

है ये कच्चे धागों का बंधन
टूट के भी कभी नहीं टूट पायेगा....

रक्षाबंधन की शुभकामनाएं

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16 JAN 2022 AT 15:53

तड़पता है एक लेखक
कुछ लिखने को
जब उससे कुछ लिखा
नहीं जाता
जब विचार हो जाते है
उसके शून्य
एक भी अल्फ़ाज़
उसका साथ नहीं निभाता
मांगता है वो उस वक्त
मौत की दुआ
जीवन भी उसे
रास नहीं आता
जो दी थी कला
मालिक ने
वह अचानक से
है खो जाता
तड़पता है एक लेखक.....

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18 SEP 2020 AT 11:28

तू कर ले कोशिश लाख दिल को सीने की !
मैं कर दूंगी मजबूर जाम-ए-इश्क पीने की !!

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