इंसान अपने शरीर की शुगर तो चैक
कराता रहता है,
अगर जीभ की कड़वाहट भी चैक कराए
तो सारी समस्याएं खत्म
✌️✌️
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कज्जल सज्जल चंचल नयन
ता पे भौहें करें चतुराई ।।
झांकत लाजत कनखियाँ चितवन
मिलत खिलत तुरत मुसकाई ।।
मनभावे हिया हर्षित मधुवन
मुख पे मुकर रमणी बलखाई ।।
अनंत भावनाएं आतुर मिलन
ता पे मौन अधर सकुचाई ।।
प्रीत के श्याम रँग महके सुमन
आलिंगित पाश पाकर लजाई ।।
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सिहर सिहर के सिहरता रहा ,
तुझे देख देख बिखरता रहा...!
नजर नजर में चुभने लगी,
अधर भी अधर को अखरता रहा...!!
उलझ उलझ के ख़त्म हुई उलझनें,
उलझ कर रोज मैं सुलझता रहा...
ये क़वायद दो लफ्जों की ऐसी रही
वो लिख लिख कर पढ़ता रहा,
मैं उसे पढ़ पढ़ कर लिखता रहा....!!-
प्रेम की डाल पे
मुरझा गए हैं सुख के गुलाब
और
उग आए हैं दुःख के कांटे
मैं कांटो को चुनती हूँ
बिनती हूँ उसे देह पे
और सींचती हूँ
प्रेम को लहू से ...!
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ना खुद को जिंदा रखा ना मारा हमने
तुझे हरदम कागज पे सम्भाला हमने
हमे किसी की जरूरत ही कहा जमाने मे
तेरे जाने के बाद तेरी याद को पाला हमने
तेरी चॉकलेट के छिलके भी रखे है मुझपर
इन एहतराम से मोहब्बत को सम्भाला हमने
मत पूछना यार वो रात कैसे गुजरी जब
तेरी तस्वीर को फोन से निकाला हमने
रोते रोते रखी थी उस अंजुरी पर अंजुरी
लोग बोले हसकर पी लिया दर्द का प्याला हमने-
कोई राज नही कोई सुख नही कोई भोग नही।
कोई दर्द नही कोई पीड़ा नही, कोई गम नही।
हस्ते मुस्कुराते बस एक "जीत" की खातिर।
दे दी कुर्बानी सर उठा के, था कोई मोह नही।
गुलामी कैसी भी हो आज़ादी पाना हक़ था।
मिटा दिया,सूली चढ़े,हक़ के बदले मांगा कुछ नही।
वतन पे वीरों की गाथा थी कुछ इस तरहा।
लहू बहा दिए खुद के पर रोया कोई नही।-
तेरी यादें, तेरी ख़ुशबू,
तेरा इश्क़, तेरी जुस्तजु,
तेरी गली, तेरी बयार,
तेरी दिवाली, तेरी ईद,
तू ख़ुदा नहीं,
फिर हर जगह मौजूद
क्यों है..💜-
यादों का बाजार है मन में बसा,
किसी के आने की खुशी है इसमें
तो किसी के जाने का गम,
जाने कौन सी यादें कर जाएं अब यह आँखें नम।-
किसी के
लिए मामा
किसी का भगवान
किसी के लिए प्रकृति
की सर्वश्रेष्ठ रचना
किसी के खोज का स्थान
पर,,
मेरे लिए
उसे घंटों निहारना
सभी अनकही
बातों को बस
उसके समक्ष कहना
मानो,,
वो बस
मुझे ही सुन रहा
सारे दुखो को हर रहा
जाने कितना आश उसमे
बसा था;
हाँ,,कुछ इतना
पास #चांद_मेरा था!!-