AARAV   (AARU)
1.9k Followers · 899 Following

read more
Joined 16 February 2021


read more
Joined 16 February 2021
19 APR AT 9:36

बेतरतीब उलझी ही रही गुत्थियां मेरी...
तमाम उम्र निकली तमाम खयाल गुज़रे..!!

-


18 APR AT 10:41

बस आख़री आह है ये इन बेकसूर काफ़िओं की,
अब भी न हो मुक्कमल तो कसूर-ए-ग़ज़ल होगा.!!

-


5 APR AT 23:00

अगर यही
यतार्थ है तो
अस्वीकार है
मुझे ये
मृत्यु के बदले..!!

-


2 APR AT 8:54

प्रत्यक्ष है होना..
इन सबमें या तो
तुम्हारा.....
या बस तुम ही हो
ये कुछ भी
नही...!!

-


31 JAN AT 16:59

तुम्हारी अघोर यात्राओं में...
मैं मरघट हो गया...
मेरा... प्रेम... शिव.....

-


28 NOV 2024 AT 19:57

तू कोई भेज दे जु'गनु ही , मेरा नाम पुकारते हुए,
नफ़स इस बदन की ख़ाक हो उस से ज'रा पहले..!

-


7 OCT 2024 AT 18:44

तेरी गजलों को गुनगुनाये हुए फिरते है
ये दिन-रात किताबों को खाये हुए लोग..!!

-


6 OCT 2024 AT 20:18

तेरे किनारे पर आकर ठहर जाते है,
ये ज़माने भर से बहाये हुए लोग..!!

-


5 OCT 2024 AT 19:06

मुंतज़िर इस जेहन में आये हुए है,
बअ'द मुद्दत के बिन बुलाए हुए लोग..!!

-


5 OCT 2024 AT 18:35

टूट कर भी इतराये हुए है,
ये तेरे अंजुमन से झड़े हुए लोग...!!

-


Fetching AARAV Quotes