Dear Ex,
I wish you worked at a Barber's shop.
तुम काटती बहुत अच्छा थीं।-
काट रहे हैं जिंदगी धीरे धीरे
या काट रही है जिंदगी धीरे धीरे-
अकेलापन सभी को काटता है
पर न कोई इसे बाँटता है
अगर जो कोई चाहे बाँटना
बुरा भला कह कर डाँटता है-
तुम जानते हो मैं क्यों जिंदा हूं अभी ताकि खुद को मार सकूँ,
तुम्हें क्या लगता है मैं खुद को आसानी से मार लूँगा
न इस गलतफहमी में न रहना मुझे तो खुद को जिंदा रखकर मारना है,
पता है जिंदा रहकर कैसे मरा जाता है,बताता हूँ,
मैं वक्त तेजी से काटता चला जा रहा हूँ और वक्त मुझे धीरे धीरे,
वो मुझे काटने के लिए आरी नहीं रखता बस कुछ तकलीफों को मेरी पीठ पर लाद देता है,
तुम्हें पता नहीं तुम भी मर रहे हो ,तकलीफों को मारते मारते,
जब तुम पूरे जिंदा थे तो तुम्हारी हंसी में समीर जैसा सुकून था
फिर जब आधे जिंदा थे तब हवा जैसा सुकून बचा था,
अब जब पूरे मर चुके हो तो लू जैसा सुकून तुम्हें छीले दे रहा है,
तुम्हें अहसास भी नहीं हुआ कि तुमने कब खिलखिलाकर हंसना छोड़ दिया,
कब तुम बस मुस्करा के काम चलाने लगे ,
एक समय आया जब वक्त ने तुम्हें यूँ काटा कि तुम्हारी मुस्कान भी बनावटी होती चली गयी,
अब तो वो भी बस इमोजी तक ही सीमित होकर रह गयी है ,
तुम्हें पता है कब तुम्हें बच्चों के साथ खेलना बचकाना लगने लगा ,
कब तुम्हारी हरकतों में बड़प्पन ने खुद ब खुद पैर पसार लिये,
तुमने आखरी बार कब जोर जोर से कविता गाई थी ,
तुम्हें कब अकेले रहना अच्छा लगने लगा,
कब तुम भीड़ में भी अकेले हो गए ,
मुश्किलों को काटते काटते कब खुद को काटते चले गए तुम जान भी न सके,
पता है तुम बड़े नहीं हुए तुम मर गए हो।-
झुक जाती हूँ अक्सर सबके सामने
क्योकि झुकना मेरी माँ ने सिखाया है ,
लेकिन इसका मतलब ये नही की कमजोर हु मैं,
मर्दानी की मिट्टी मे जन्मी हूँ महारानी की कसम,
आत्मसम्मान पे जो उँगली उठी किसी की
तो हाथ काटना भी मेरी मिट्टी ने ही सिखाया है!!-
अगर आपकी लाइफ में कोई ऐसा शख्स हो ना!
जो आपकी अच्छी या बुरी हर बात को काटता हो
तो
तो
तो
उसके सामने कुछ आलू, 2 प्याज, 2 टमाटर,
4 हरी मिर्च और एक चाकू लाकर रख दें।😌
और बोलें कि मेरी बात काटने से अच्छा है कि
इन सभी को काटें!
हेल्थ भी बनेगी और पेट भी भरेगा।😂🤣🤣-
"मेरे सोच से"
कोई किसी के लिए नहीं मरता।
सब अपने लिए जीते हैं,
या फिर किसी तरह काट लेते हैं।
पर मरता कोई नहीं है,
हाँ ये अलग बात है कि...
काटना भी मरने के बराबर है।-
भौंकती नहीं पर काटती बहुत है,
ये तेरी यादें हैं या तेरी वफ़ादार कुतिया-
सम्बल बन कर वो क़तरा क़तरा मुझे काटता रहा
हाँ वो कोई मेरा करीबी, कभी मेरा अपना ही रहा-