Ananya Siddharaj 12 JUL 2019 AT 10:10 किसी सड़क पर और घने जंगल में नहीं,ना ही,किसी गहरी खाई में गिरे जीव की तरह ...मैं मिलूँगा तुम्हें, तुम्हारे ही मन की दीवार पर, सिर रखकर फ़फ़क-फ़फ़क कर रोता हुआ चीखता हुआ और कराहता हुआ.....गाँव के किसी उदास कुँए की तरह! - YQ Sahitya 18 DEC 2021 AT 13:17 - Anuup Kamal Agrawal 16 MAY 2018 AT 8:50 अब भी कराह रही है मेरी जिंदगीतेरी यादों के पुल तले - Anuup Kamal Agrawal 22 AUG 2019 AT 7:50 कराह रही है कविताकिताब के किसी कोने में।बरसाती दादुर लगे हैंबँटवारे के बीज बोने में। - Anuup Kamal Agrawal 21 MAR 2017 AT 12:06 कविता कराह रही थी,कवि ने कुछ ज्यादा ही दर्द उड़ेल दिया था उस पर। - Anuup Kamal Agrawal 18 MAR 2020 AT 9:26 शायद प्रकृति हमसे कुछ कहना चाह रही हैहमसे ज्यादा वो ख़ुद कराह रही है।"मुझे होल्ड पर न रखो, मुझसे बात करो ना।अपनों से, अपने आप से, मुलाकात करो ना।" - Roopali Trehan Srivastava 31 MAY 2021 AT 16:41 बैठे बैठे दिल अक्सर घबरा उठता हैजब जाने वालों की यादों सेजहन कराह उठता है✍️✍️ - Ruhi Verma 30 JUL 2017 AT 23:51 हर करवट याद दिलाती तेरी, कराह निकलती मेरी । - Anuup Kamal Agrawal 21 APR 2017 AT 21:16 तिजोरियों में बंद पड़ा मोहनदास कराह रहा हैइस कैद से बाहर निकलना चाह रहा है। - Sudha Goyal 10 JAN 2023 AT 14:22 'दर्द मुझे भी होता है' पूरी रचना अनुशीर्षक में -