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उम्र की उस स्थिति में आ गया हूँ
कि बुढापे में किसी बच्चे सा हो गया हूँ
चाहता हूँ कि कोई संभाले मुझे बच्चे की तरह
पर किसी के पास वक़्त नही,व्यर्थ जो हो गया हूँ
छोटा हो गया हूँ इतना कि घुटनों पर चलता हूँ
बड़ा हूँ इतना कि कदमों पर चला नही जाता
जिंदगी ने मुझे कितना लाचार बना दिया
अब निवाला भी उठाकर खाया नही जाता
पर ये मेरी पीड़ा का कारण नही,
दुख इतना सा है कि,,,,,
एक उम्र गुजार दी मैंने जिनका जीवन सवारने में,
आज मेरी उस औलाद से मेरा बुढ़ापा उठाया नही जाता-
वो माँ-बाप ही जानते है उनके दिल पे क्या गुज़रती है,
जिनकी आँखों के सामने अपने बच्चे की अर्थी निकलती है।।-
जिन हाथों ने कभी, नन्हे क़दमो को
चलना सिखाया था,
दुनिया की भीड़ में, उंगलिया थामे जिनकी
खुद को भीड़ में भी महफूज़ पाया था,
छोटे छोटे अनगिनत निवाले, जिनके हाथों से खाये,
न जाने कितनी ही ख़्वाइशें, अपने जिनसे मनवाये,
खुद की तक़लीफ़ में, जिन्हें हमेशा रोता पाया,
खुशियों में भी उनके आंसुओ को न थमता देखा,
हर मुश्किलों में जो सहारा बनें,हिम्मत हरपल जिन्होंने दिया,
बड़े प्यार से उन्होंने अपना हर फ़र्ज़ अदा किया,
वो "माँ-बाप" आज बेसहारा क्यों हैं ?
क्यों अपने घर के बजाय, किसी वृद्धाश्रम में हैं,
जब उनके लड़खड़ाते क़दमो को सहारे की जरूरत पड़ी,
कांपते अल्फ़ाज़ों में उनके क्यों प्यार और भरोसे की कमी दिखी ?
-aRCHANA
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जिन्हे 9 महीने पेट में रखा, पाला पोसा
आज वही औलाद मां को...
महीने महीने में बांट रही है,
सालों की परवरिश का नतीजा...
यह निकला बीवियों के आते ही,
झोली उठा कर मां अपने ही घर में...
दर-ब-दर भटक रही है।-
जब तक बाप के साये में था
तब तक मैं भी राजा था
अब बाप बना हूँ बच्चों का तो
शहज़ादे हैं बच्चे मेरे।।-
औलाद को चाहना एक बात है,
औलाद को समझा पाना अलग बात।
रूठना और मनाना अलग बात है,
औलाद पर आज़-मा पाना अलग बात।
मुद्दतो खुद को काबिल समझते रहे,
औलाद को यही बता पाना अलग बात।
लक्ष्य को हासिल करना अलग बात है,
औलाद का रहबरी करवाना अलग बात।
अपनी नासमझी को सुधारना अलग बात है,
औलाद से सही की उम्मीद लगाना अलग बात।-
इन्सान की सबसे बड़ी कमजोरी
उसकी अपनी औलाद है...
वो सारी दुनिया से तो लड़ सकता है
लेकिन अपनी औलाद के हाथों
हार जाता है ।-
माँ पुकार
निर्विवाद,,,,
कर दुलार
करत याद
बार बार
सुख विषाद
संस्कार,,,,,
उपज ख़ाद
पर बिमार
अब निषाद
नमस्कार,,,
जिन्दाबाद !!-
सुनो,
मौत इंसानों की होती है
जज्बातों की नही।
💔
बटवारा हालातो का होता है,
यादों का नही।।-