जल्दी जाने की जल्दी में थोड़ी गुस्ताख़ी वो कर गया,
घर जाने को निकला था, पर फिर ना वो घर गया।।-
नीबूं मिर्ची लटका दे दोस्त अपनी दोस्ती की गाड़ी में
लोगों की बुरी नजरें एक्सीडेंट भी करवा सकती है..-
उसके हौसलों की उड़ान तो..
वो हादसा भी ना तोड़ पाया।।
जिसमे उसने अपना सब कुछ खो दिया..
अपने दोनों पैर तक।।😓-
बरसात में चलाओ,गाड़ी ज़रा सम्भल के
कब जाने कौन आये,गड्ढा कहीं निकल के
मेरे शहर की सड़कें, पेरिस से कम नही है
है क़दम क़दम पे टूटी, लेकिन शर्म नही है
आराम से चलो जी, गिर जाओ न फिसल के
कब जाने कौन आये,गड्ढा कहीं निकल के
बरसात में चलाओ,,,
सरकारें आती जाती, लेकिन नजऱ नही है
लाखों मरे हैं हर दिन, कोई असर नही है
नेता जी देखें लाशें, चेहरे बदल बदल के
कब जाने कौन आये,गड्ढा कहीं निकल के
बरसात में चलाओ,,,
हर कोई करता जल्दी,आगे मैं निकलूं फट से
इतने में गाड़ी फ़सती, गड्ढे में जाके झट से
सचिन लगाएं ताक़त,गाड़ी निकालें चल के
कब जाने कौन आये,गड्ढा कहीं निकल के
बरसात में चलाओ,,
© सचिन गोयल
गन्नौर शहर
सोनीपत हरियाणा
Insta@,, burning_tears_797-
जिंदगी जीना चाहते हो तो....
सड़क हादसों से सबक लीजिए🙏👇
भारत में हर 1 घण्टे में 16 आदमी मर जाते हैं
रोड एक्सीडेंट में......🙁😞
हेलमेट, सीट बेल्ट लगाने में शर्म मत मानिये😏
रेड लाइट, डिपर, सड़क क्रोसिंग देख कर कीजिए
लाइसेंस बनवाइये, नियमों को अच्छे से जानिए
जिंदगी बचानी है तो सड़क पर वाहन चलाते
समय नियमों को पालन कीजिए🙏
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जानलेवा वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुशार्थ यातायात नियमों का पालन जरूरी नहीं मजबूरी सिद्ध किया जाए।गैर सवारी वाहनों (माल वाहनों) को सवारी वाहन बनाने पर संबधित पुलिस और प्रशासन को दोषी मानते हुए कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।इसके अतिरिक्त जनजागरूकता आग्रह की विषय वस्तु है,फोटू/वीडियो बनाकर जवाबदेह शासन-प्रशासन से क्यों न सवाल किए जाएं ?
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आज दिन ही खाराप है
सुबह एक्सीडेंट मारते मारते बचा
और अब छोड़ो भी...
जिसका नसीबही खाराप है
दिन हो या रात
जो होना है होगा
कर भी क्या सक्ते है ।।😢-
तुम आते हो केवल
अनहोनी सुनकर!
यह जानकर मैं अक्सर
एक्सीडेंट कर बैठता हूं!
और पहुंच जाता हूं
अस्पताल के बिस्तर पर;
और इंतजार करता हूं कि,
तू आए!!!!-
कहाँ जाऊं,खुशी मिलती नही
हंस्ता हूं हंसी आती नही
लकीरों को मिटते देखा है,मेरे-
तकदीर से,दुख की लकीर मिटती नहीं
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कमोबेश पूरे देश में जानलेवा वाहन दुर्घटनाओं का संवेधनशील विषय न केवल चिन्तनीय है बल्कि मूल कारकों सहित समाधनीय है।केन्द्र और राज्य सरकारों को समन्वित साझा प्रयास करने चाहिए _________________________
■ सुझाव यह है कि गतिसीमा पर येन-केन-प्रकारेण अंकुश लगाना चाहिए भले ही वाहन निर्माण में तकनीकि के तहत।
■ सुझाव यह है कि रोजगार जनित चालकों की उम्र और दृष्टि दोष संबंधी समस्याओं का समाधान इस तरह किया जाए कि जीविकोपार्जन प्रभावित न हो।
■ सुझाव यह है कि यातायात संबंधी नियम कानून सार्वजनिक रूप से कठोरता से पालन करवाए जांए एवं सिग्नल व ब्रेकर सहित जरूरी उपकरणों पर अतिरिक्त बजट की कभी कमी न होने दी जाए।
■ सुझाव यह है कि यातायात पुलिस बल आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाए।
■ सुझाव यह है कि यातायात संबंधी पूर्ण पाठ्यक्रम शिक्षा व्यवस्था में सम्मिलित किया जाए।-