उड़ जाओ
वरना उजड़ जाओगे-
उड़ रहा है जो शोहरत के आसमान में
खींच रही हो क्यों उसे रुसवाई की ज़मीन में-
हवां के साथ उड़ गया घर उस परिंदे का...
कैसे बना था आशियाना वो तूफ़ान क्या जाने...!!-
इश्क़ की केतली में प्यार बस उबलता रहा
पता ही नही चला ,कब भाप बन कर उड़ गया-
छोड़ सारे गमों को
भूल सारी मुश्किलों को
चलो इस हॉट एयर बैलून में बैठ
उड़ चले हम
खो जाए एक दूसरे में
भूल दुनिया को हम
पहला कदम करे दूरी को कम...-
मुरझाए फूलों को देख मधुप कहाँ आंसू बहाता है
फिर ताजे नए खिले फूलों की ओर मधुप उड़ जाता है
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धुँध में लिपटी जिंदगी एक दिन धुँवा बन उड़ जानी हैं..
इसी का नाम जीवन हैं और बस इतनी सी मेरी कहानी हैं..-
उड़ सकूँ अगर मैं अपने पंख खोल कर
मैं भी अपना खोया आसमान ढूंढ़ लूँ
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पँछी बन्द पिंजरों के क़दर कहाँ होती है,
याद बहुत आतें हैं जो उड़ जाया करतें हैं।।-
अगर चुपकी बनके न रह पाओ मेरे दिल में,
शब्द बनकर उड़ जाना मेरे होठों पे आके !
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