जै जगदीश जै जगन्नाथ हो आप सगळा जगत रा नाथ,
निकळी आपरी सवारी दाऊ भैया अर् सुभद्रा बहन साथे,
सारो जग यो तैवार मनावे भरपूर उमंग साथे,
ढोवे आपरी रथ सवारी ने जयकारा रे साथे,
मिनख जमारो सफळ हो जावे जद् उबा रो आप साथे,
हर युग में हर रूप में अवतार धरियो आप इण धरती परे,
मिनख जमारा ने सिख देवारो करम करयो आप इण धरती परे,
पूरी करदो बस आ इक अरज् आप सूं म्हारी,
मिनख मिनख नि रयो मिनखपणो भुलगी जनता सारी,
मिनख नें मिनख अठै कोई हमझे काहे कोने,
मोटपण बतावे न्यारी जीवन रो हांच कोई जाणे कोने,
धर्म रा लारे आप हो, हांच रा लारे आप हो,
हर जीव में आप हो,कण-कण में आप हो,
मनडे रा माइनें आप हो, मनडे रा बाणे आप हो,
जीवण रो अरथ आप हो, इ आत्मा रा परमात्मा आप हो,
हे जगदीश,हे जगन्नाथ,आप तो सारा जगत रा नाथ हो,
जै जगदीश....✨🙏✨ जै जगन्नाथ.....-
💕💞इन हरी हरी घाटियों में गूंजती हैं हुंकार,
कभी जगती मन में वीरता तो कभी प्यार,
मैं बनु उदयपुर की झील, तुम किनारें का दरख़्त,
जब कभी मिलना हो तो चलें आओ उदयपुर।💞💞-
हुस्न तो धोखा है मेरे दोस्त,
हम तो दिल की नज़रों से,
💝💝💝 दिल पढ़ते हैं
😂😂😂-
जगन्नाथपुरी का दस चमत्कार-----
1--गुंबद परको ध्वज विपरीत दिशा मैं लहरावै है,
2--गुंबद की परछाई कदे बणै ना है,
3--चमत्कारी सुदर्शन चक्र..जहां स्युं बी देखो
सामणै ही नजर आवै है,
4--हवा की दिशा--पुरी मैं हवा समुद्र स्युं विपरीत
दिशा मैं चालै है,
5--गुंबद पर पक्षी नहीं उडै नहीं बैठै,
6--समुद्र की ध्वनि--मंदिर कै अंदर समुद्र की
अवाज नहीं सुणै,
7--दुनिया को सबस्युं बड़ो रसोईघर--अठै बीस लाख
भक्त खाणो खा सकैं हैं,
8--रूप बदलती मूर्ति--अठ्यां की मूर्ति रूप बदलैं हैं,
9--विश्व की सबस्युं बडी रथयात्रा--एं रथयात्रा की
वापसी आठ दिणा मैं होवै है,
10--हनुमानजी रक्षा करैं हैं--जगन्नाथ जी की समुद्र
स्युं रक्षा हनुमानजी करैं हैं,
ये सभी बातां सांची हैं, इणकै कारण ही मंदिर और
मंदिरां स्युं अल़ग पहचाण धरावै है..।-
म्हारे माइनें.....
खूबियां भि हे अन् खामियां भि हे......
हेरवा वाळा थें.... होचळो थ्हानें के चावे.......
-
घणा हर्षोल्लास स्यूं मणायो
नौ दिनां रो बरणोलो करायो,
घणा लाडां कोडां स्यूं,
थांनै है परणायो,
हे ईसर गणगौर
किरपा बस इत्ती सी
करया म्हां सगळां पर,
सदा सुहागन रहवां म्हें,
सजै सोळह सिनगार,
सिंदूर सलामत रहेवै म्हारो
माता देवो आसिरवर।-
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप री प्रतिमा
रामभूमि जावा ने लगभग तैयार.......
जै महाराणा.... जै मेवाड़......🚩🗡🚩-
लहरों की रवानी कोई दरियासुर है
तुझे मय्यसर, कूच नही तस्सवुर है ।
फतह कर जायेगा माया मगरी पर
तेरा अँधेरा ही मन का उदयपुर है ।।-