जग जन सिर पर रखें परिग्रह,अतःपतन के पात्र हुए।
आशा तृष्णा थारी म्हारी, इससे हर उत्पात हुए।
किंचित भी मेरा नहीं है, गर यह भाव विशेष रहे।
फिर देना क्या रह गया, और लेना क्या शेष रहे।
चिंतन करें अणु मात्र भी,इस भू की वस्तु नहीं मेरी।
आकिंचन्य हूँ बस केवल ये,आत्मा ही तो है मेरी।
चौबीसों परिग्रह के त्यागी, ग्रंथ रहित निर्ग्रन्थ रहें।
उत्तम आकिंचन्य धर्म से,हम आतम में स्वस्थ रहें।
(कैप्शन अवश्य पढ़ें)-
हम रामायण महाकाव्य की पूजा करते है,
क्योंकि उसने एक पुरूष जो राम है,
को उत्तम बनने की प्रेरणा दी।
तो फिर क्यों हम राम के आचरण
को अपनाना नही चाहते?-
मीठी सुबह के लिए नमकीन रात जरूरी हैं!
सच्ची मुस्कुराहटों के लिए आँसू जरूरी हैं!
पागल हैं हम.. समझते नहीं हैं
खुशियों के लिए परेशानियाँ बेहद जरूरी हैं!
और फिर कौन खुदा को याद करता
जो गम ना होता जिंदगी में
सच, सुकून के लिए उतार चढा़व जरूरी है!
मुस्कुराओ के दिक्कतें खुद चल के पास आई हैं
क्योंकि मज़बूत बनने के लिए लड़ना जरूरी है!
मेरी गलतियाँ भी मुझे बेहद प्यारी हैं दोस्तों
दुनिया की नज़रों में जो सही था
उसने दुनिया में जगह बनायी..
पर शायद गलतियाँ ही हैं जो खुदा के करीब लाई हैं
पते की बात है.. सीधी सी
कुछ पाने के लिए कुछ खोना जरूरी है!
बहुत आसान है पाना मंजिलें सारी
निकल पड़ो रास्तों पर अभी की अभी
उत्तम बनने के लिए शुरूआत करना जरूरी है!-
समाधान ही सूत्र है धर्म मुल का सार
आत्मज्ञानी बनने का मुलोत्तम आधार
तृप्ति ही मनशांती है संतोष स्व:यम आकार
खुद ही बन सकते है खुद के रक्षणहार ।
26.08.2020✍️-
असमग्रता,
परिस्थितियों में
असमांजस्यता से
रिश्तों में विष
हृदय के कोने-कोने से
जाता है रिस
क्रोध की झुंझलाहट
आँखों में तमतमाहट
आग औ धुंधलाहट में....सूख जाता है
सुख भी उड़ जाता है....सातवें क्षितिज में
यात्रा हो रही हो जैसे
प्रेम के अमृत कलश की
थमो,थामो हाथ में "उत्तम क्षमा" की डोरी
मथो,मंथन,मक्खन तो क्या
मिलेगी पिघली घी की ढेरी
उत्तम क्षमा धर्म (1)
31aug 22
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आप उन पुरुषों को उत्तम श्रेणी में रख सकते हैं
जिनका भ्रमण हर दिशाओं में होता है!😂😂😂-
हे भव्य!!
कटु वचन बोलकर
कभी किसी का दिल ना दुखना
झूठ की राह पर चलकर
कभी किसी को नीचा ना दिखना...
क्योंकि मिठी वाणी
और सत्य की राह
ही हमें आलोकित आनंद
की अनुभूति करती है...
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UK-THE UNTOLD STORY
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तुम क्या अंदाजा लगाओगे,
हमारे स्वभाव का ऐ ग़ालिब।
हम वो दीपक है, जो सिर्फ़...
दूसरों के लिए जला करते है।।
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हे भगवान
वो मासूम
और हसमुख
सा चेहरा हैं
क्यूँ बार बार उसे
उदास और परेशान
कर देते हो.......!!-