झांसी वाली रानी,
वाराणसी के झांसी शहर में जन्म लेने वाली मैं नारी थी,
छेन,छबीली,रूप सुंदर में बहुत न्यारी थी,
अंग्रेजो के चक्के छुड़ा देने वाली मैं आजादी की दीवानी थी,
मै झांसी वाली रानी थी,
चंचल स्वभाव वाली मैं सब को प्यारी थी,
आजादी की चाहत रखने वाली मैं बड़ी मतवाली थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
पापा की दुलारी थी,
सबसे न्यन की चांद सितारा थी,
मैं नारी आजादी चाहने वाली थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
आजादी कितनी प्रिय थी ये सब तो सब को अब दिखलानी थी,
मिट्ठी की कीमत अब हमको चुकानी थी,
लड़की किसी के कम नहीं ये बात भी अब सब को बतलानी थी,
मैं झांसी वाली रानी थी,
देश के लिए अब देनी हमें कुर्बानी थी,
बहुत हुआ अंग्रेजो का शासन अब उनको धूल चटानी थी,
आजादी की भूख अब घर घर में जगानी थी,
खून तो बहता ही अपनों का लेकिन अंग्रजी सता भी तो डोलानी थी,
युद्ध तो लड़ना और शहीद बन कर जाना हमारी निशानी थी,
सर कटा गई मैं मगर झुकी नहीं मैं वो आजादी कि दीवानी थी,
मैं झांसी वाली रानी थी ।।।-
कारगिल युद्ध में शत्रु ने,
माफी मांगी थी गिर के चरण
कारगिल विजय के उपरांत,
आज भी कांपते है दुश्मन-
सभ्यता..संस्कृति..आदर्श
सौहार्द..पहनावा..भाषा
भोजन..विविधता..अखंडता
इन नौ नामों से मिलकर बना है अपना भारत-
कभी भारत
कभी इंडिया
कभी हिंदुस्तान है।
एक है देश मेरा
पर अलग अलग पहचान है।
किसी की है आँख में आँसू
किसी का है खून बह रहा
किसी के चेहरे पर देखो
खिल रही मुस्कान है।
एक है देश मेरा
पर अलग अलग पहचान है।-
आदत नहीं है 1जनवरी को खुशी मनाने की
चाह है मेरी इंडिया को भारत बनाने की-
मेरा ऐसा मानना है कि ,🙏
आज valentines day बनाने से ज़्यादा ज़रूरी है कि हम उन शहीदों का नमन करे जिन्होंने ठीक एक साल पहले अपनी जान देश के लिए
न्योछावर कर दी
🎆 Jai hind 🎆
🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
देखता हूँ जब मैं अखबार इंडिया का
समझ आता है ये बाज़ार मीडिया का
कोई सुशान्त का वकील बना बैठा है
कोई बन बैठा है वफ़ादार रिया का-
की रखा है नाम मां ने जब से तब से कुछ शांत हो गया हूं
भारत हूं ना,, जानता हूं जीत सकता हूं दुनिया
इसलिए खुद को काबू कर रखा है।।-
माना शतक चूक गया
मगर हौसलों में अभी भी दम है
है अगर मजबूत दृढ़ संकल्प
तो ज़िन्दगी में क्या गम है
हर एक खिलाड़ी यहां
खुद एक भारत
नहीं हम सा कोई यहां
हर एक चुन्नोती
इन बाजुओं के लिए कम है
शानदार जीत के लिए
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 😊💐🙏-