आराम ज़िन्दगी की कुंजी, इससे न तपेदिक होती है।
आराम सुधा की एक बूंद, तन का दुबलापन खोती है।
आराम शब्द में 'राम' छिपा जो भव-बंधन को खोता है।
आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है।
इसलिए तुम्हें समझाता हूँ, मेरे अनुभव से काम करो।
ये जीवन, यौवन क्षणभंगुर, आराम करो, आराम करो।-
मेरे जिस पीड़ा में तुम नहीं
वो दर्द, वेदना और विरह से भी बढ़ कर है
और जिस पीड़ा में तुम संग हो मेरे
उस दर्द में सिर्फ़ आनंद का एहसास है-
जब प्रेम में लिपटी हुई तुम्हारी हंसी
पूर्ण सूर्योदय की प्रभा समान
तुम्हारे मुख पर बिखरते हुए
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे
अधरों से व्यक्त होते शब्दों के साथ
एक सम्मोहनकारी ताल-मेल प्रस्तुत करते हुए
मुझसे किसी विद्धुत की
अतिवेग तरगों की भाँति आ मिलती हैं तो
मानो मेरा रक्त किसी पर्वत के
अभ्र-सी शीतलता को प्राप्त कर
मेरे हृदय व मस्तिष्क को
क्षण भर अचेत कर जाता है।
वही कहीं मैं प्रेम योगी,अकस्मात ही
शून्य को प्राप्त करता हूँ।
जिसके लिए अनेकानेक तपस्वी
अन्यान्य मार्ग से वर्षों तप लीन रहते हैं।
कितना सहज है ना
तुम्हारे प्रणय में
इस परम् व सुखद अवस्था की
क्षणिक अनुभूति को प्राप्त करना।-
हां !..
सत्य की राह पर चल मंज़िल को पाने की
किसी को सत्य मार्ग पर अपने साथ ले जाने की
किसी का भविष्य संवारने की चाह होनी चाहिए
आनंद को सदा आनंद में आनंदित रहने की-
मोहब्बत का तो पता नहीं
पर हां जहां प्रेम होता है..
वहां आनंद आनंद में ओर
ईश्वर का ज़रूर निवास होता है।-
हे परमात्मा...
ख़ुश कर दें हे परमात्मा
हां आज यों मेरी आत्मा
तने दिया जन्म...
तने जन्म दिया हर के द्वार में...
हां तने जन्म दिया अपने द्वार में..
फ़िर क्यों दुःखी है यों मेरी आत्मा
हे परमात्मा....
हां रेे परमात्मा... ख़ुश कर दे!..
सत् चित् आनंद बणा दें... हे परमात्मा...🙏.-
Listening in the silence of the rising sun, the cuckoo's song makes us hum the chirping of the birds.
As if showing the way to the destination
In the morning sunlight, green trees and plants are motivating giving positive inspiration
Let's go let's go walking to the destination
Aanand ' rejoicing in bliss in this where in
As if you have got everything in this place.-
अभी शुरुवात की देर है.!
एक अच्छा सलाहकार मिल जाए
मार्गदर्शन स्वयं कर लूंगा मैं अपना
हां हर ऊंचाई छू सकता हूं मैं स्वयं
मेरा सलाहकार सिर्फ़ सहीं को सहीं
ग़लत को ग़लत कहने की क्षमता रखता हो
मैं आनंद सर्वश्रेष्ठ नहीं श्रेष्ठ बनना चाहता हूं.!-
कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें
भर आयी बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें
तभी मचल के, प्यार से चल के
छुए कोई मुझे पर नज़र न आए...-