आंखों से तेरी आंखें पढ़ लूं मैं हो इजाजत तो तुझे छू लूं मैं अपने दिल में तेरी तस्वीर बना लूं उस में रंग अपने भर दूं मैं जब लहराकर अपनी जुल्फें सबारती हो तुम दिल कहता है धड़कन में बसा लूं मैं खनक के तेरी चूड़ियों की आवाज से खुद को कहीं पागल न बना लूं मैं।।
जो बात तेरी आंखों में है वो बात किसी और के आंखों में कहाँ जो बात तेरी आंखों में है वो बात किसी और के आंखों में कहाँ.... जो खूबसूरती तेरे आंखों की है जो खूबसूरती तेरे आंखों की है.... वह खूबसूरती इस जमाने में और कहाँ।
ना कहती है ना कहना चाहती है बस एक दूसरे से टकराती है और अपनी राह पर चलती जाती है । यह आंखें भी ना बहुत अजीब खेल खेल जाती है उसे देखना भी नहीं चाहती और उसे देखे बिना रह भी नहीं पाती है...!