Divyajyoti Verma  
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Joined 30 July 2020


Joined 30 July 2020
31 DEC 2021 AT 20:33


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20 OCT 2021 AT 18:45

तेरी मोहब्बत ने हमें कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया
न तो सजा मुक्कमल हुई और न ही रिहा किया गया।।

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1 AUG 2021 AT 10:22

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29 JUL 2021 AT 18:29

मोहब्बत की ये ‌हवाऐं भी अब मुझे तेरे नाम से पुकारती है
बिखरती हुई मेरी इन‌ जुल्फों पर तेरे होने की मोहर लगाती है।।

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28 JUL 2021 AT 11:08

हर बात का कोई जवाब नहीं होता
हर इश्क का नाम खराब नहीं होता
यूं तो झूम लेते हैं नशें में पीनें वाले
मगर हर नशें का शराब नहीं होता

ख़ामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते हैं
हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं

किसी ने खुदा से दुआ मांगी ‌
दुआ में ‌अपनी मौत मांगी ‌
खुदा ने कहा मौत तो‌‌ तुझे दे दे मगर
उससे क्या कहूं जिसने तेरी जिंदगी मांगी

हर इंसान का दिल बुरा नहीं होता
हर एक इंसान बुरा नहीं होता
बुझ जाते हैं दीये कभी तेल की कमी से
हर बार कसूर हवा का नहीं होता।।

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24 JUL 2021 AT 15:17

कितनी ‌बेबस होती है ये लड़कियां ‌भी जिससे
मोहब्बत होती है उसको भी अपने दिल से दूर
करना पड़ता है न चाहते हुए भी उसे बेटी होने
का फर्ज अदा ‌करना पड़ता है दिल में कितना ही
दर्द हो फिर भी मुस्काती है जब उसकी शादी
किसी ‌अजनबी से तय हो जाती है हर दिन हर और
पल तड़पती है उससे बिछड़ कर वह जिंदा तो रहती
है मगर जिंदगी नहीं रहती उसे ये सब सहना पड़ता है वो बेटी है
इसलिए उसे बेटी होने का फर्ज अदा करना पड़ता है
यही हाल उस‌ लड़के का भी होता होगा अपनी जान‌
से जुदा हो कर‌ वो भी कहा रहे पाता होगा ये सोच
कर बस वो खुद को समझा लेता है एक परिवार
की खातिर वो अपनी जान से दूर हो जाता है वह
भी समझता है उसकी जान से पहले वो एक बेटी
है और उसे एक बेटी होने का फर्ज अदा करना पड़ता है।।

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24 JUN 2021 AT 10:35

तमन्ना करते हो आप जिन‌‌ खुशियों की वो खुशियां आपके कदमों में हो
ईश्वर आपको वो सब हकीकत में दे जो सोचा आपने अपने सपनों में हो।।

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1 JUN 2021 AT 10:43

कभी बेवजह ही दिल‌ का हाल जान‌ लिया करो
हर बात लफ़्ज़ों से जताई जाएं ये तो सही नहीं

मोहब्बत तुमने भी की मोहब्बत हमने भी की
क्यों हर बार‌ महसूस कराया जाएं ये तो सही नहीं

दूर जाने पर दर्द तुम्हें होता है तो खुश मैं भी नहीं
दो पल मुलाकात में वर्षो तड़पाया जाएं ये तो सही नहीं

आशिक़ हो गर तुम तो आशिक़ी हूं तुम्हारी मैं
इश्क करके यूं अधूरा छोड़ा जाएं ये तो सही नहीं

मुख़्तलिफ़ है रास्ते जानती हूं गर‌ मक़ाम वहीं है
यूं खुद के साथ इतनी ‌बे-रुखी की जाएं ये तो सही नहीं

तुम मेरी जिंदगी की वो खुबसूरत यादें हो जिसे
दिल से मिटाया जाए ये तो सही नहीं " दिव्य "।।

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9 MAY 2021 AT 16:01

Maa bhi khuda ka kitna nayab tofa hoti hai
Hasti hai sbke sath magar akele me roti hai
Jannat kahi jane bali maa jane
Kyo Sadko pr soti hai ...

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29 APR 2021 AT 11:00

उनकी मोहब्बत‌‌ करने की अदाएं भी कमाल की है
मेरा गुस्से में उनको सुनाते जाना और उनका
बस मुझे ही देखते रहना मुंह बंद करा देता है साहब।।

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