Ye Ishq hai Tera ya vaham hai mera,
Ye akas hai Tera ya Nasha Tera
Kyu Bahak si gayi mai laga
Surur hai Tera.-
शौक नहीं है मुझे अपने जज्बातों को यू सरेआम लिखने का,
पर क्या करूं जरिया भी तो यही है मेरे पास तुमसे बात करने का ।-
क्या मेरी तरह तुम भी मुझे याद करते हो,
क्या मेरी तरह तुम भी मुझसे मिलने की फरियाद करते हो,
क्या मेरी तरह तुम भी बेवजह चुप से हो जाते हो,
क्या मेरी तरह तुम भी हर दुआ में मुझे मांगते हो ,
क्या मेरी तरह तुम भी सिर्फ मुझसे ही प्यार करते हो।-
बन संवर कर रहती हूं मैं ,
मेरा सजना संवरना पसंद है उसे,
माथे की बिंदी ,कानों की बाली,
होठों की लाली, मुस्कान सुहानी,
हां पसंद हूं उसे मैं,
कह दूं कभी की उदास हूं मैं,
तो हो जाता है परेशान सा वो ,
कभी शर्माती तो कभी इठलाती ,
हां उसे पसंद हूं मैं ।-
तुम कहां चले गए,
ढूंढती रहती हैं ये आंखें तुमको ,
हर पहर हर तरफ ,
कहां हो तुम,
जानती हूं रहते हो साथ-साथ मेरे,
लेकिन फिर क्यों ये कमी खलती रहती है हमेशा ,
कहनी होती हैं बहुत सी बातें
किससे कहूं और कैसे कहूं,
कहां हो तुम ?
काश कि तुम वापस आ जाते
फिर से ये जमी यह आसमा सब महक जाते ।।-
तुम्हें लिख पाऊं,
इतने खूबसूरत तो लफ्ज़ ही नहीं है मेरे पास।-
कभी-कभी तो आपकी कमी बहुत खलती है,
कभी-कभी ये यादे बहुत तड़पाती है,
कुछ हसीन यादें दिल में कैद किए
यादे ताजा करती रहती हूं,
ये वक्त बस ऐसे ही गुजार लेती हूं,
हर लम्हा बस आपको ही याद करती रहती हूं
थका हुआ जब भी महसूस करती हूं,
बस आईने में खुद को निहार लेती हूं ,
हूं आपका ही अक्स मैं
कहकर खुद को संभाल लेती हूं,
हारा हुआ जब महसूस करती हूं ,
तब आपके लिखी कविताओं से खुद को हौसला देती हूं,
याद जब भी आपकी ज्यादा सताती है,
तो आपका नाम लिखकर मुस्कुरा लेती हूं
-
आंखें पढ़ना सीखो,
हर बात लफ्जों में बयां ये मुमकिन नहीं ।-
सोचती हूं कि हमारे रिश्ते का क्या नाम है
ज़रूरत, ख्वाहिश, इश्क या जूनुन
या फिर वो
जो ज़मीं का आसमां से है
चांद का चकोरी से है
दिन का रात से है
हकीकत का ख्वाबो से है
ये कभी मिल नहीं सकते
लेकिन एक दूसरे के बिना अधूरे हैं
शायद ऐसा ही है
मेरा तुम्हारा रिश्ता-