इतनी खामोशी
जैसे
हवा का
दम भी घुट रहा हो
यूँ लग रहा है
जैसे
कहीं अल्फ़ाज़ों की
चिता जल रही हो . ...
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खामोशियाँ
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मेरी खामोशियाँ गर बोल पाती, इस दिल के शोर को जता पाती।
मेरे जज़्बातो को समेट कर अल्फ़ाज़ों में ब्यान कर पाती है।
मुमकिन नहीं तब तक इस दिल-ए-तंगी को मीटा पाना।
दिल-ओ-दिमाग के दरमियान इख़्तिलाफ़ है।
खैर के जुबान से मुंसिफ़ मुमकिन नहीं।
गर मेरी खामोशी समझ सको तो बताना,
माज़रा क्या है?-
Someone really close asked me,
"What's your artistic talent?
Everyone should have one.."
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अब कौन बताये उन्हें अल्फ़ाज़ों में दुनिया छुपाये फिरता हूँ!!-
चंद एहसासों में सिमटकर रह गयी है मेरी ज़िन्दगी
अल्फ़ाज़ों से जज़्बातों तक होने लगी है तेरी बन्दग़ी-
अल्फ़ाज़ों को कागज़ पर स्याही न समझना
बोझ इनका बड़ा ही असहनीय होता है..!!-
सुनिए जनाब
बहुत दर्द भरे होते वो आँसू
जो रात के अँधेरे में बहा करते।।-
आज मैंने फ़िर से ख़ुद से ही ख़ुद को खफ़ा कर लिया
अल्फ़ाज़ों को भी अपने ख़ुद से मैंने जुदा कर लिया..!!-
अल्फ़ाज़ों की न पूछो इनकी कितनी मेहरबानी है
जो लिख रहा हूं मैं इन्हीं की दी हुई जिंदगानी है
जज़्बातों ने तो तैयारी करली थी रुख़सत होने की
अल्फ़ाज़ों ने रोका उन्हें, मेरे लिखने की यही कहानी है-
नाक़ाम मोहब्बत मेरी किसी के काम तो आयी
इल्ज़ाम ही सही जफ़ाओं का मुझ पर उनका
दिल को न बहला सकी उनके, पर अल्फ़ाज़ों
ने कहर ढा दिया उनकी क़ायनात में ।।-