अम्मी...
कभी रस्मो की तरह,
तो तौर ए रिवाज कभी,
प्यार जताते है बच्चे,
टुकडे टुकडे प्यार को
अब तरसती है अम्मी।
कुछ वक्त साथ उसके बिताया जाए,
थोडी सी तवज्जो दी जाए,
बेगरज प्यार के बदले,
बेहिसाब प्यार कब मांगती है अम्मी!
'रफ्तारे जिन्दगी के साथ ,
हम मसरूफ हो भले
माँ- बाप तन्हा है मगर ये ना भूले,
अब प्यार आराम और सहारे की,
हकदार है अम्मी!
जिन्दगी दी है हमे ,
बन्दगी की हकदार है अम्मी!!
......Disha'Azal'
Happy Mother's Day..-
दो लाइन एक कहानी...
सालगिरह..
नई कमीज पहनी उसने
अम्मी ने अपनी कमीज़ उतारी जो थी।
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हो सकता है दूर किसी "दुनिया" में,
अम्मी "कुरान" और "गीता" साथ लेकर
आज सुबह "सेहरी" के लिए उठी होगी,
और "इफ्तार" में "सेवई और मालपुआ"
साथ में खाई होगी..!!!
:--स्तुति-
( 💞💞 अम्मी अब्बू 💞💞 )
खुदा ने भी जन्नत को उस दिन कितना सजाया होगा
जब दुनिया मे हमारे लिए माँ- बाप को बनाया होगा
गुल से गुले - गुलशन हुई होंगी राते पूरी कायनात की
जब खुदा ने हमें माँ बाप की गोद मे
डाला होगा 💞💞💞-
मैंने पढ़ा है जन्नत बहोत खुबसूरत है, मगर हमारे अम्मी-पापा से ज्यादा नही हैं...!!!
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हमेंशा कहती है, ये गणित-गिनती मेरे बस की बात नहीं,
हर रोज़ एक रोटी ज़्यादा परोस देती है 'अम्मी' मुझे।
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हमेशा महक ती मुस्कुराती है माँ,
नजाने कितने दर्द छुपाती है माँ !-
नमाज़ी मैं भी हूँ पर खुदा मिरा फिर भी किसी मस्जिद में नहीं मिलता,
अम्मी की आवाज़ अज़ान और वो खुद मुझे मुअज्ज़िन सी लगती हैं..-
(❤अम्मी और पापा की मोहब्बत❤)
अम्मी को लेकर एक कहानी मेरी जुबान पे याद आया,
कहानी सुनी है अनसुनी भी जिसके लिए ख्याल आया,
Full Poem In Caption✋👇
Pls Read...✒☺-