Disha Yagnik Nagar   (Disha Yagnik Nagar (Dish)
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Joined 20 April 2017


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23 APR AT 12:32

खौफ़ के सारे समंदर लांघ जाऊं
होंसला बजरंग जो इक बूंद भर‌ दे...🙏🌺
...दिशा 'अज़ल '

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23 APR AT 12:27

खौफ़ के सारे समंदर लांघ जाऊं
होंसला बजरंग जो इक बूंद भर‌ दे...🙏🌺
...दिशा 'अज़ल '

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21 APR AT 1:44

चांदनी दिल जलाती रही रात भर
आप को याद करती रही रात भर
आपकी दीद तो थी मयस्सर कहाँ
चांद खिड़की से तकती रही रात भर
हिचकियों से परेशान थे आप भी
याद कर मैं सताती रही रात भर
ख़्वाब में आप से गुफ़्तगू क्या हुई
और फिर मुस्कुराती रही रात भर
हो सहर तो कहूं आप से बस यही
याद में तारे गिनती रही रात भर....
........ @Disha 'Azal'

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21 APR AT 1:25

चांदनी दिल जलाती रही रात भर
आप को याद करती रही रात भर
आपकी दीद तो थी मयस्सर कहाँ
चांद खिड़की से तकती रही रात भर
हिचकियों से परेशान थे आप भी
याद कर मैं सताती रही रात भर
ख़्वाब में आप से गुफ़्तगू क्या हुई
और फिर मुस्कुराती रही रात भर
हो सहर तो कहूं आप से बस यही
याद में तारे गिनती रही रात भर....
........ @Disha 'Azal'

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17 APR AT 10:21

फिर सरयू ने ली अंगड़ाई.,
फिर नगरी अवध बौराई है..,
टंकार धनुष की प्रत्यंचा की
क्यूं हवा में लहराई है!
दशरथ‌ के‌ आंगन में किलकारी
तुम्हें भी क्या दी सुनाई ?
ना जाने क्यूं कौशल्या के आँचल ने
दूध की गंगा बहाई है..!
दूर कहीं पार‌ सागर के
धरा लंका की है थर्राई
फिर आतंकियों के अंत की आस
दिल ने क्यूं जगाई है..,
चैत्र माह की भरी दोपहरी में
किस धनुर्धर की आई सवारी
देखो ..,शंख,चक्र ,गदा ,पद्म धारे,
ये तो आए राम रघुराई है...!!!🙏🙏
.....©दिशा 'अज़ल'
सब प्रियजनों को रामनवमी की बधाई🙏

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6 APR AT 9:33

हैं इतने पेच-ओ-ख़म*कभी सुलझती नहीं मूई
ऐ ज़िंदगी तू सीख ज़रा ज़ुल्फों से संवरना..
.... @Disha 'Azal'
Pech-o-kham =उलझाव,twist &curls
मूई =worthless,निगोड़ी, कमबख्त

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25 MAR AT 16:38

देख मुझे चेहरे पर उसके रंग खुशी का आया ही नहीं
गुलाल उन गालो के हक़ का मैने भी फिर दिया उड़ा ..
@Disha 'Azal'

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25 MAR AT 9:30

अबीर चंदन मीरा के माथे का
हो‌ कर निहाल हो जाऊं
राधा के गालो पे शर्मोहया का
रंगे-ए-गुलाल हो जाऊं
रंग हरा वृंदा की चुनर का,
सिंदूर रूक्मणी की मांग का,
लाल हो जाऊं
संग मिले मुझे हर रंग में सांवरे का
इस होली घनश्याम के तन का
मैं रंग श्याम हो जाऊं....
.....©दिशा 'अज़ल'
रंगोत्सव होली की आप सभी को शुभकामनाएं ... :🙏🙏😊🌹🌹❤️

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19 MAR AT 12:26

मै हाथ अगर दूँ तो मेरा खींच ले आँचल
वो बच्चा नहीं जो सिर्फ पकड़ रक्खे आँचल
सर से गिर जाए पर न बदन से कभी उतरे
दस्तार* से ज़्यादा है औरत का ये आँचल
.. @Disha Azal'

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8 MAR AT 8:46

तू अगर सत्य है तो शर्तिया सुंदर होगा,
यक़ीन कर शिव तेरे अंदर होगा..!
नेकी के खातिर पी के ज़हर हलक में रोक ले,
तू नीलकंठ बने तभी तो अम्रत उगलता समंदर होगा.,!
आसमां से गिरे प्रपात की ग़र रफ्तार तू बांध सके,
तूझ गंगाधर से ज़मीन पर गंगा का अवतरण होगा..!
बेख़ौफ़,बेफिकर रह, मोह-माया से बेअसर रख,
तू भी फिर शंकर सा मस्तकलंदर होगा...!
ध्यान-योग,ज्ञान ,प्रेम की डगर पर जो चले 'अज़ल'..,
रूह को सुकून,आँखो में कैलाश-मानसरोवर का मंज़र होगा..!
...................... ©दिशा 'अज़ल'

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