Disha Yagnik Nagar   (Disha Yagnik Nagar (Dish)
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Joined 20 April 2017


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15 JUN AT 19:13


बस इत्ती सी ख्वाहिश मेरी....

लाठी सहारे को बेशक़ पकड़ना पापा
पर कभी खाट मत पकड़ना पापा
सर से गिर जाए दस्तार आपकी
ऐसे किसी के पाँव मत पकड़ना पापा
....@Disha 'Azal'

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15 JUN AT 18:51


बस इत्ती सी ख्वाहिश मेरी....

लाठी सहारे को बेशक़ पकड़ना पापा
पर कभी खाट मत पकड़ना पापा
सर से गिर जाए दस्तार आपकी
ऐसे किसी के पाँव मत पकड़ना पापा
....@Disha 'Azal'

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15 JUN AT 15:31

खामोश दुआ तो कभी सर पर रखे हाथ सा लगता है,
धूप में घना पेड़ और घर की बुनियाद सा लगता है,
मेरी ख्वाहिशों के लिये ज़रूरते अपनी समेट लेने वाला,
लफ्ज़ पापा मुझे 'शाबाश' तो कभी 'इरशाद' सा लगता है..!

..........©दिशा 'अज़ल'

इरशाद=Instruction..मार्गदर्शन,आज्ञा,
शाबाश=word for Encouraging...

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31 MAY AT 9:41

सौ फ़ीसदी ये सच है कि कभी थी मुहब्बत,हाँ तुझसे जानां
सोलह आना सच बोलूं ? तेरी याद नहीं अब आती है
...@Disha'Azal'

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15 MAY AT 15:26

भूलना जिसको था दुश्वार कभी वो
याद मुझे अब मुश्किल से आता है
@Disha 'Azal:

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8 MAY AT 10:38

जो मिटा कर गए मांग की लालिमा
ख़ाक में ए जवानों मिलाना उन्हें
@Disha 'Azal'

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26 MAR AT 11:24

हर खुशी छू के बदन पल में निकल जाती है
और इक ग़म है कि घर रूह में कर जाता है
......@Disha 'Azal'

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19 MAR AT 12:36



किशन और राधा की चाहत के जैसे
@Disha 'Azal'

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14 MAR AT 0:56


जब देख मुझे चेहरे पे उसके रंग ख़ुशी का छाया ही नहीं
फिर क्यूँ उसके गालों पे मल कर करती मैं बर्बाद गुलाल
.. @Disha 'Azal'

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2 FEB AT 13:39

निखरा रंग हर पात-पात
डार-डार फूलों की बारात
कलियां ले रही अंगड़ाई
भंवरों की गुंजन बाग-बाग
महकी महकी सी है पुरवाई
कुंज-कुंज कोयल का राग
बहकी-बहकी सी तू भी सखी री
मदहोश हुआ हर यौवन आज
देखो सज-धज के आया बसंत
सुस्वागतम् ऋतुराज...🌼🌺🌹
.......©दिशा'अज़ल'

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