QUOTES ON #अनकहे

#अनकहे quotes

Trending | Latest
18 JUL 2021 AT 15:31

बारिश तन को..
भिगोया करती है..
यादें मेरी आँखों को.. 🤐

-


27 AUG 2021 AT 20:26

हुस्न मेरा सिर्फ तुम्हारे इश्क़
के जज़्बात को महसूस कर
रहा है लगता है जैसे बसा लें
नज़र में सूरत तुम्हारी दिन रात इसी
पर हम मरते रहें खुदा करे जब
तक चले ये साँसे हमारी हम बस
तुमसे ही प्यार करते रहें हकीक़त
कहो तो उनको ख़्वाब लगता है
शिकायत करो तो उनको मजाक
लगता है कितने सिद्दत से उन्हें याद
करते है हम और एक वो हैं जिन्हें
ये सब बस एक इत्तेफाक लगता है

-


13 MAR 2022 AT 0:37

मैं बिखरी हूँ तेरे दर पे ,मुझे समेट लेना कान्हा,
मेरी निस्वार्थ भक्ति ही , तुम भेंट लेना कान्हा,

इश्क़ तेरा ख़ुदा की दुआ सा,चाहत मेरी रूहानी,
शायद लिख जाए पन्नो पर,मेरे इश्क की कहानी,

जहां की हर भेंट तुच्छ है , तेरी भक्ति के आगे,
तू ही तो बाहें फैलाये मिलेगा,मेरी मुक्ति के आगे,

तू ही आएगा मुझे लिवाने, मोक्ष पथ पर ले जाने,
वहीं द्वारिका में खोलूँगी , मेरी भक्ति के खजाने,

मेरी रूह को मिलेगा ,जब स्थान तेरे दिल में,
कोई ना मुझसा सुभागा होगा,जग की महफ़िल में।।
-पूनम आत्रेय














-


11 DEC 2019 AT 3:56

जरूरी नहीं जिसे चाहो वो मिल ही जाए

उन्हें चाहत पसंद भी तो आनी चाहिए
❤️❤️❤️




-


23 AUG 2021 AT 8:41

धागा नहीं महज़ प्यार का पावन बंधन है,
भाई बहन की अरदास रक्षा का वचन है...

धागा नहीं महज़ रिश्तोका अतूट बंधन है,
यह रिश्ता जगमें भी सबसे खास है....

धागा नहीं महज़ बहन की याद है,
और भाई की बहन पर छाया है...

धागा नहीं महज़ में बंधी एक डोर है,
सबसे मनकी उलछी सी शान है...

यह छाया रहे ऐसी ही जिंदगीभर का साथ
इस प्यार के महज़ बनये रखे मिलजुलकर....

-


23 SEP 2019 AT 19:00

लफ़्ज़ हैं कुछ अनकहे, कुछ बात आधी है,
ख़ूबसूरत ख़यालो की उनकी सौगात आधी है,
हम ख़ुद हैं परेशां अपनी बेबाक कलम से,
अफ़सुर्दा इश्क़ से उनकी शिकायात आधी है !

-


12 DEC 2021 AT 14:49

जी लूं जिंदगी सुकून से, ऐसी मन्नत है मेरी।
हर तरफ़ लोगों में भेदभाव की कश्मकश है।।
ना जाने कब लोगों के दिल में सबके लिए एक समान
भावना होगी, ना जाने कब अपने- पराए का भेद ना होगा।

माॅं तेरी गोद जैसी जन्नत हो कोई, जहां सिर्फ़ और
सिर्फ़ इंसान हो, सबके अंदर सबके लिए प्यार हो।
ना हो जहां रंग में मतभेद, ना हो जहां धर्म में भेद,
ना हो जहां जाति में भेद, एक ऐसी हसीन जन्नत
ऐ खुदा, तू अपने हाथों से बना, जहां दिल मिल जाए,
कलेश खत्म हो जाए, अपनेपन का मंज़र हर तरफ़ रहे।

-


28 FEB 2020 AT 9:52

बुझे दीपक के निशाँ यूँ न मिटाओ


रोशन किया था इसने भी कभी
ये सोचकर एक कोने में पड़ा रहने दो।

-


22 OCT 2021 AT 12:36

दुनियाँ  कहती है अल्फ़ाज़ जिसे
वो  मेरी रूह के तार है
छेड़ो तो इक सरगम
गाओ तो इक गीत नया
बजती है ऐसी धुन रूह में
जैसे राग मल्हार हो
आँखों से बहते झर झर आँसू
जैसे बाहर बरसात हो
दुनियाँ कहती है अल्फ़ाज़ जिसे
वो रूह के मेरे अहसास है
पन्नो पर उतरते ही
हो जाते  वो ख़ास है
हर एक लफ्ज़ लफ्ज़ मेरा
उभरता है अन्तर्मन की गहराई से
दे जाता है एक अहसास नया
ठंडी हवा के झोंके सा
दुनियाँ कहती है अल्फ़ाज़ जिसे
वो  मेरी रूह के जज्बात है
बह जाती हूँ झरने सी मैं
नदियों सी कल कल करती हूँ
गहरी हूँ समन्दर के जैसी
अपनी ही सतह पर बहती हूँ 
माना के अभी मैं मौन हूँ
ख़ुद से पूछती हूँ मैं कौन हूँ
कहता है द्रवित  हो ह्र्दय
मैं ही हूँ रूह तेरी
तेरी साँसे मुझसे चलती है
जब मैं नही थम जाओगे यहीं
















-


5 SEP 2020 AT 18:07

अनकहे शब्द मेरे है ,
कोई कहने वाला चाहिए,
कब तक रहे शांत ,
अब कोई समझने वाला चाहिए।

-