QUOTES ON #अध्यात्म

#अध्यात्म quotes

Trending | Latest

अमृत भूमि प्रयागराज जन चेतन आध्यात्मिक का संगम,
छलका अमृत, हुआ देवत्व, हुआ तब यह दुर्लभ संगम।

देश विदेश में हुआ चर्चित, खींचे चले आए जैसे चुंबक
उमड़ पड़ा अथाह जन सैलाब मनभावन दृश्य विहंगम।

रज पद स्पंदन सनातन गौरव स्वर्ग सम त्रिवेणी परिवेश,
आस्था की डुबकी, तन मन प्रफुल्लित, आत्मिक जंगम।

पुण्य सलिला तीर पर, यज्ञ अनुष्ठान की प्रज्वलित लौ,
जैसे देव स्वर्ग से अनुभूदित हर क्षण आशीर्वाद हृदयंगम।

वैचारिक नैतिक सात्विक से ओतप्रोत सर्वस्व सर्वत्र ओर,
जो बने हिस्सा भाग्यशाली, आधि व्याधि तज हुए सुहंगम।

हर एक के जीवन में होता यह प्रथम और अंतिम अवसर,
जीवन सुफल, दुःख दर्द निष्फल, जैसे यह मोक्ष आरंगम।

आत्मशुद्धि, वैचारिक मन मंथन का सुव्यस्थित आश्रय,
नश्वर तन का अटल अंतिम सत्य, यही संगम यही मोक्षम

सदियों से बना यह अति उत्तम दुर्लभ खगोलीय संयोग,
बहुचर्चित, दिव्य, अलौकिक इस महाकुंभ का शुभारंभ।
_राज सोनी

-


20 JUL 2019 AT 17:00

हृदय में
"निष्कामता"
के अभाव में
वाणी व विचार से
'आध्यात्मिक' उपदेश
व प्रवचन करना
बिल्कुल वैसा ही है
जैसे उपदेश करते वक्त
सीताराम सीताराम
राधेश्याम राधेश्याम
लिखी चादर ओढ़ लेना
और फिर......
उपदेश समापन पर
उतार देना !!!

-


15 JAN 2022 AT 15:26

वर्तमान व्यवहारिक जीवन में वास्तविक क्या हैं ज्ञान नहीं!
भौतिक को आत्मिक जान सब विज्ञानात्मक जिए जा रहें!

-


17 AUG 2020 AT 7:45

चिंतन आवश्यक है स्वयं का
सदपयोग आवश्यक है समय का
कहां पर थे तुम कहां तक पहुंचे
ये चिंतन आवश्यक है स्वयं का
अपने गुण अवगुण स्वयं से बेहतर कोई न समझे
तो मनन आवश्यक है स्वयं का
सत्य को पहचानो
सत्य पर ही चलो
कितना भी कष्ट मिले सत्य को न छोड़ो
ये आत्म विश्लेषण आवश्यक है स्वयं का
चिंतन आवश्यक है स्वयं का

सुप्रभात मित्रों
जय हिन्द

-


13 APR 2018 AT 22:23

मैं कौन हूँ?
मैं कुछ भी नहीं(शून्य) हूँ परन्तु कुछ (एक मात्र) बनना चाहता हूँ, हालांकि मैं पहले से ही जानता हूँ कि हम सभी उसी मात्र एक के ही अंश हैं!

-


8 JUN 2020 AT 6:31

कोई मिले कभी जन्मो जन्म जिसका साथ हो
वो रहे सदा साथ मेरे किसी की दैत्य दृष्टि ना हो

दिव्य दिव्यता सदा रहे हम दोनों के मन मंदिर में
पाप मन में ना हो पुष्पधन्वा व क्रोध की भावना ना हो

हम करे ॐ नमः शिवाय का जाप महादेव के ध्यान में
वो मिले मिलती रहे जन्मो जन्म बस यही एक आश हो।

हर हर महादेव ..

-


25 JAN 2020 AT 10:32

ना डूबने की चाहत
ना बचने की तमन्ना
ये इश्क़ मुझे कहा ले जा रहा
मुझको छोड़ शायद सबको है पता

-


19 SEP 2021 AT 13:57

क्या! इस कलयुग में भी कोई हों सकतीं हैं!
सती सावित्री लक्ष्मी जो पति परमेश्वर के रूप
में नारायण खोज रही हों! जो सत्य और धर्म को जानती हों! जिसने अपने अंदर करुणा और आनंद का संतोष जगा रखा हों! जो अंतरात्मा में आनंदित रह अपने कर्म का निर्वाह करती हों! भले ज़िंदगी जीवन में थोड़ी बेपरवाह हीं क्यों न हों।
वह स्वयं में सामर्थ्य वान का प्रतीक भी हों!
जिसने जनकल्याण का लक्ष्य निर्धारित कर रखा हों!।

-


8 APR 2020 AT 19:07

सुना है मेरे दोस्तों ने जिंदगी की बुनियाद बदली है।
जवानी से निकल कर बुढ़ापे की कार पकड़ी है।
ये कार कहां तक जाएगा मुझे भी पता नही......
लगता है नोटो से लिपट कर कफन में एक दिन सवार हो जाएगी।

-


12 SEP 2021 AT 14:08

शरीर मेरा यो मन को भटकावे है
देख दुनियां के रंग ढंग लालच में आवे है
झूट नहीं बिल्कुल आनंद सच लिख बता दूं मैं
कदे पलग कदे पापी यों शरीर मेरा मुझे बनावे है।

-