कि अच्छे दिन कब आयेगें..
हम स्वयं के भाग्य विधाता है,
अच्छे दिन हम लायेगें...!-
प्रेम में विफल युवक
हो जाता है
'आम आदमी पार्टी' सा
प्रतीत होता है
जिसे देखकर
कि अब बदल
जायेगा सब कुछ
हमेशा के लिए
और वो स्वयं भी...
प्रेम में विफल युवती
हो जाती है
'कांग्रेस' सी
कुछ ज्यादा ही
वक्त लगता है
जिसे स्वयं को,
समय की
आवश्यकता के
अनुसार बदलने में....
और फिर हैरान,
परेशान से दोनों
लग जाते हैं
करने इंतज़ार....
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अपने अपने जीवन में
"अच्छे दिनों" के आने का...!!!-
कर न पाये पूरा अच्छे दिन का सपना
मोदी जी अब तो बदलिये तौर तरीका अपना
घबराइये नहीं बिल्कुल भी, हम आपके साथ हैं
स्वच्छ भारत की आशा में झाड़ू थामे हाथ हैं
हिन्दू मुस्लिम से युवाओं का नहीं कोई लेना देना
गरीबी से है लड़ाई, बनाइये ऐसी सेना
मेक इन इंडिया से पहले मेक इंडिया कहिये
छोड़ विदेशियों का पल्लू, कुछ दिन देश में रहिये
राजनीति के कीचड़ में, हैं कमल से आप
एक सत्र तो गँवा दिया, गिन गिन भूतपूर्व के पाप
भारत देश है बहुत बड़ा, नहीं केवल गुजरात
कहते रहेंगे जनता से, कब तक मन की बात-
अच्छे दिनों की तलाश मैं करता रह गया।
ना ही अच्छे दिन आए,
ना ही तलाश पूरी हुई।
कम्बख़त कोरोना अलग से आ गया।
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Na jaane kaun hai wo log jo pet nahi bhar paa rahe, afsosh phir bhi hazaro Rs. ka cellphone chala rahe hai ..
Yun kar dena kisi ko badnaam toh bada asan hai yaha, kucch time toh sabra rakhiye,Janta ka darr unhe bhi hai jo sarkar chala rahe hai..-
31 मार्च को असली दंगल है,
अंकल भी तैयार है
मम्मी ने कह थी इस बार पापा नाराज हैं
अच्छे नंबर नहीं आएं तो जूते चप्पल तैयार है
अब मैं क्या करूं मम्मी भी नाराज हैं,,
अच्छे दिन सुनते-सुनते बुरे दिन आ गए😀😀-
"कोरोना विशेष"
🌚🌚🌚🌚🌚🌚
जीवितों को अस्पताल नही मिल रहा है,
तो मृतकों को शमशान नही मिल रहा।।
🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌚
"अच्छे दिन आ गए।।"
😅😅😅😅😅😅-
किसी को अच्छा कहने से जख्म भरते नहीं
आज भी जख्मों का बाजार हरा है,बंजर नहीं-
अगर बचाए रखना है तुम्हें
मुझसे अपना प्रेम
तो बन जाओ मेरी
सबसे अच्छे दिनों की कविता.-