Singh KMB Dipanshu   (Deep भरथुईगढ़ी)
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Joined 23 May 2018


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20 FEB AT 8:30

गया और वापस ही नहीं लौटा कभी, वो शख्स
जो घर से निकलने पर आंसू बहाता था कभी
😔😔

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22 JUL 2023 AT 2:53

हैं ये भी सच कि ,मुस्कुरा रहे हम,
और ये भी की आंसू छुपा रहे हम।
खुशी ये की तुझसे ,सालों बाद मिले,
दुःख ये की अब तेरा शहर छोड़ के जा रहे हम।।
😘😘🥹🥹

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14 MAR 2023 AT 13:23

घर जाने की भी अब खुशी नहीं रही,
लगता है मेरा आशियां उजड़ने वाला हैं।
दिल दिमाग पे तो बस तू हैं मेरी जान,
कमबख्त शरीर शादी करने वाला हैं।
माता पिता के आदेश को कैसे टालूंगा मैं,
बिना तेरे भी तो मुमकिन नही कि जियूंगा मैं।
अगर आदेश माना तो मेरा आत्मा मरने वाला हैं।
मैं तो मना लूंगा अपने माता पिता को कैसे भी,
पर शादी तो तेरे घर वाले के हां से होने वाला हैं
अगर ऐसा नहीं हुआ तो मेरी जान,
वर्षों के मोहब्बत का अब बस जनाजा
निकलने वाला हैं।🥹❤️
_Mr देहाती



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13 JAN 2023 AT 22:15

आसमां छोड़ मैंने तो
जमीं के तरफ नहीं देखा
तेरे बाद मैने किसी
के तरफ नहीं देखा ।
तू मिली और तेरे नाम करदी
अपनी सांसे आखिरी,
फिर मैंने पलट कर कभी
जिन्दगी के तरफ नहीं देखा ।
😘😘

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22 OCT 2022 AT 2:48

तेरे बाद मैं क्या करूंगा इस बात से डरता हूं
तेरे बाद मैं कैसे जी पाऊंगा ,
ये सोचकर मैं हर दिन मरता हूं।
तुझे मैं क्या बताऊं की
मुहब्बत कितना हैं तुमसे,
बस इतना समझ ले की
आखिरी सांस तक तेरा ही रहूंगा
ये वादा करता हूं ।।❤️❤️

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28 APR 2022 AT 18:16

शायर के हाथों में भी छाले पड़ते हैं,
कभी कभी जुगनुओ से भी उजाले पड़ते है।
किसी के गोदान में सड़ जाती हैं अनाज की हजारों बोरियां,
और किसी के घर में खाने के लाले पड़ते हैं ।।
जिन्दगी हैं तो हरकत बहुत जरूरी हैं मेरे दोस्त ,
वरना शांत घरों में सिर्फ मकड़ियों के जाले
पड़ते हैं ।।

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24 APR 2022 AT 12:39

माँ 🙏









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28 FEB 2022 AT 9:28

उदास होने पर भी
मुस्कुराना पड़ता ,
यहां नमक भी
घाव पर लगाना पड़ता हैं ,
यूंही नहीं कोई शायर बन जाता जनाब
दिलों को दांव पर लगाना पड़ता ।।

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22 FEB 2022 AT 18:20

पंछियों को भी भरोसा नहीं रहा
खुद की उड़ान पर ।।
बस इसी वजह से कुछ,
पिंजरे में कैद हुए बैठे हैं ।।

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9 FEB 2022 AT 9:29

गांव की हरियाली को छोड़
बंजर रेत से वास्ता कर रहे हैं ,
ऐ जिन्दगी तू भी देख
तेरे खातिर हम क्या क्या कर रहे हैं।
यूं तो बड़ा नफरत हैं तुझसे,
पर तुझी से मोहब्बत बेपनाह कर रहे है ।
ऐ जिन्दगी तू भी देख ,
तेरे खातिर खुद के खुशियों का
कितना सौदा कर रहे है ।।


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