हमारी ज़िन्दगी भी तो एक शायरी है,
पढ़ सब सकते है,मगर समझ कोई नहीं पाता है|
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वो उगता सुरज उसकी एक किरण
एक मैं और ये अंधियारा
ए ज़िन्दगी रूक ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
हर रोज़ मैं जगती हूँ
हर रोज़ मैं निकलती हूँ
कभी थम ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
हर रात मैं लौट आती हूँ
हर रात मैं थक हार सो जाती हूँ
कभी रूक ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
कब तक यूं सफर तैय करते रहेंगे
कब तक यूं सब पीछे छोड़ते रहेंगे
कभी थम ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
जाने किसके लिए हम जीते है
जाने किसके लिए सिस्किया भरते है
कभी रूक ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
कुछ दिन बीत जाते है
कुछ रातें बीत जाती है
कभी थम ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला,
ए ज़िन्दगी कुछ बात करनी है
थोड़ा थम जा ना ज़रा
हाथ बढ़ा और आँख मिला ....।।।
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Aye zindagi tujhe kya pta
Tune kitna mujhe dagaa diya !
Mujhe manzilon ki khabar di
par raaston mein bhatka diya !
Kabhi Aas di Aasmano mein udne ki
Kabhi munh ke bal gira diya !
Jahaan Aas ka koi diya nahi
Mujhe uss nagar mein pahuncha diya !
Aye zindagi tujhe kya pta
Tune kitna mujhe rula diya !!
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हमारा मसला ये हैं " हम शाम होते ही ख़ुद से थोड़ा फरार चाहते हैं "
बता ऐ जिंदगी ये कैसे शौक़ पाल रखें है तूने.....-
यहां सब तो छोड़ ही जा रहे,
ऐ जिन्दगी
तुझे भी इजाजत है, तू भी ऐश कर ।।-
“उसने समझा ही नही मेरे अल्फ़ाज़ों को...,
मैंने हर शिकायत के पीछे लीखा था 'मोहब्बत है तुमसे'।”
तेरी यादें🖊️-
ये सूखा गुलाब तेरी निशानी है,
यही मेरे प्यार की कहानी है
मैं हूँ जैसे कोई बंजर जमीन,
और तू बरसता पानी है।-
हकीकत का सामना जब होता है,
ये दिल बड़ा रोता है,
हम लुटाते रहे जान जिनपर जान समझ कर
वो शख्स आज कही ओर सोता है।-
मुझे अब फर्क नही पड़ता,
ये दिल तेरे लिए अब नही धड़कता,
मैंने देख लिया तेरा ये फरेबी चेहरा,
मै तुझे खोने से अब नही डरता।-