पहले कुछ् था मेरे मन में,
पहले कुछ् था मेरे मन में,
पर अब कुछ् नहीं हैं मेरे दामन
में इस दिल के सिवाय
धड़कन में छुपा के
रख लूं क्या आप को ❤।-
डायरी के हर पन्ने पर लिखी जा रही हूँ मैं
फिर भी अधूरी कहानी रह गयी हूँ मैं!
मुझे पढ़ने का अभी तक कोई साहस न कर सका
आँखों में समंदर और होठों पे मुस्कान ला रही हूँ मैं!
क्यों हमदर्दी से मार रहे हो जनाब
जिस्म छोड़कर पहले ही जा रही हूँ मैं!
कहीं भूल न जाऊँ लिखा करती थी ज्योति भी कभी
टूटा हुआ क़लमदान साथ लेकर जा रही हूँ मैं!-
ज़िंदगी जिये जाना भी कैसी मजबूरी है ,
ख्वाहिशें हजार , पर कमबख्त सभी अधूरी है ..!!!-
Pyara SA ,cute SA , innocent SA
Ladka hai tu ....
Life Ko lekar bdha bedanga
hai tu...
Itne se dimaag Mai bhott kuch sochta hai tu...
Pyar Ko lekar thoda sa atptaa
hai tu ...
Bolna kya aaj likh hi dete hu tere
Par....
Taraa nii ,mere zindagi Mai sitaara hai re tu !!!!
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हम बैठे दो वक़्त को क्या दिल थाम के
वो आके चले गए मेहमानों की तरह....!!!
इल्ज़ाम उनको क्या लगाए रुख़सत-ए-शाम का
वो आए दीदार को हम छुपे पहरों की तरह..!!!-
"आदतें"
करवटों के सहारे कट जाती हैं रातें भी,
अब तो तेरी कमी महसूस नहीं होती,
चांँद भी अब तो तकता रहता है मुझको,
ख्वाहिशें मेरी जो थी वो पूरी नहीं होती,
कभी शाम,कभी रात में पढ़ लेते हैं पुराने पन्ने,
आंँखों में अब अश्कों की धार नहीं होती,
सीख लिया है जीना अब अपनी आदतों के साथ,
अब तो आदतों से भी रुसवाई नहीं होती।-
ठीक है आज सुबह की चाय उनके लिए हम बनाते हैं
ठीक है वो ख़्याबों में मसरूफ़ है अब नही जगाते है
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ए दोस्त, ज़िंदगी का हाथ थाम ले ज़रा ,
और समझ ले इसका फ़लसफ़ा सारा ।
फिर तो ये खुद तेरा सारथी बन जाएगी ,
तेरे तन्हा सफ़र की हमराही बन जाएगी ।
भूलकर भी कभी इसका हाथ ना छोड़ना,
पूरी शिद्दत से खुद को इससे जोड़े रखना ।
क्योंकि जिस भी दिन तेरा हाथ छूट गया ,
उस दिन ही साँसों का साथ भी छूट गया ।
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Phir ek baat yaad agai,
Mujhko aaj phir meri yaad agai,
Hu toh maye sadiyon seh hi tanha,
Keh aaj mujhse milne barsaat agai.-