जीवन
नीरस
बिखरा हुआ
बहुत गहरे घाव लिए
बस निकल रहा है एक आस लिए,,-
आइए हम आपका स्वागत करते हैं 💞
"ग़ज़ब का इश्क़ है हमा... read more
प्रियतम,
तुमको पसंद है मेरी खामोशी...
जाओ तुमको वो खामोशी दे दी,
मेरे प्रेम में बंधन जो लगा...
उस प्रेम से ही आजादी दे दी,
कल को ये मत कहना,
कल को ये मत कहना कि सुना नहीं तुमको....
मैंने प्रेम में अपनी खुशियों की
एक ना मिटने वाली कहानी दे दी,,,,,,-
महज़ उस प्रेम के लिए किसी को अपना बना बैठे,
ना जाने क्यूं इतना हक जता बैठे.......
जिस्म के खेल को रूह में बसा बैठे,
जिंदगी से दगा और उनसे वफ़ा निभा बैठे......-
अब वो बात कहाँ....
जंग लगे उन दरवाजों में,
सूखे दरख़्त और साज़ो में
रही अब वो बात कहाँ,
मुरझाए हुए उन चेहरों में,
नम आँखें और इन अंधेरों में
रही अब वो बात कहाँ,
ईंटों पत्थरों के मकानों में,
गुजरते जीवन और पैगामों में
रही अब वो बात कहाँ,-
उनसे हाल-ए-दिल
लेकिन नजरों ने बता दिया,
आंखों आंखों में बात हुई
और चेहरा भी मुस्कुरा दिया,
जुबां के कुछ
बोलने से पहले ही
ये इश्क़ है उसने समझा दिया,-
यादों की कड़ी में
एक कड़ी और जुड़ गई...
प्रेम की थाप,
अनुभूति की छाप,
जीवन की ओर मुड़ गई,
यादों की...
विरह की पीड़,
अश्रुओं की नीड़,
सांसों के साथ जुड़ गई,
यादों की...-
मेरे हिस्से में सवाल बहुत हैं,
तेरे हिस्से में ख़्याल बहुत हैं,
इस कशमकश में चलता सफ़र,
जिंदगी में जज़्बात बहुत हैं।
मेरे हिस्से...
टकटकी सी लगाए देख रही नज़र,
उसके तो किरायेदार बहुत हैं।
मेरे हिस्से...
अब आंसुओं के आते सैलाब पर,
मुकम्मल से जवाब बहुत हैं।
मेरे हिस्से...-
जिसका बेसब्री से वास्ता हो,
वक्त ही उसका रास्ता हो,
ना कह सके कुछ,
ना दे सके इम्तिहान,
आंखों के झरोखे से
बस हर पल वो ताकता हो,-