रात जब बिस्तर में नींद नहीं आती ,
तब ख़्वाब आते हैं ,
ख़्वाब भी ऐसे कि जिनमें
आप न चाह कर भी उनमें डूबते जाते हैं ,
ख़्वाब आते हैं जिन्दगी के फिर ,
आप कहा जा रहे हैं,
क्यों जा रहे है ,
कुछ कर पाएंगे कि नहीं,
और नहीं कर पाए तब,
बस दिल और दिमाग कि
इसी कशमकश में रात गुजर जाती हैं ,
और फिर सुबह हो जाती हैं...
दोबारा रात हो जाने के लिए....।।
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