कहते हैं
अमलताश (rain indicator tree) में फूल आने के
४५ दिन बाद से बारिश शुरू जाती है....
तुम भी मिले थे
ऐसे ही, बारिशों में ४५ माह पहले....
आंखों के लिए मोहक
और दिल के लिए सुकून हो तुम अमलताश (golden shower tree)
और तुम भी सुनहरी बारिश से लड़के.......
(Caption में पूरा....)-
अप्प दीपो भवः
Hakuna matata😎
I will either find a way or make one.
मैं कह भी दूं कि
मुझे इश्क़ है बस तुमसे,
तो तुम फिर से..
मेरा कहा दोहराओगे क्या.....-
सोचती हूं,
कितना हृदयहारी होगा वो
जो स्वयं अब नेह के हृदय में है.....
कहते हैं,
प्रेम में रहना और प्रेम का होना अलग बात है
पर प्रेम निभाना....
सुनो,
नारायणी तरंगिणी सी बहने वाली लड़की,
तुम भी वृंदा जैसा प्रेम निभाना.......
(Caption में पूरा........)-
सुनो!
चुगली कर रही
तुम्हारी कविताएं...
कि
तुम प्रेम में हो.....
(Caption में पूरा पढ़ें....)-
ना बहारों के मौसम ना सितारों के करम,
पेशानी पर मेहनत की निशानी चाहता है।
ना दौलत ना शोहरत ना वसीयत चाहिए,
वो अपने हिस्से की जिंदगानी चाहता है।
गर्दिशों के दौर में अलम-ए-बेबसी के ठौर में,
शामिल रगों में इफरात रवानी चाहता है।
हो कितना भी मगरुर तरक्की की होड़ में,
ताउम्र महफूज़ दिल की नादानी चाहता है।
पार किए कई समुंदर की है दरिया से दोस्ती,
डूबना तो बस वो इश्क के पानी में चाहता है।
कांधे पे औलाद बिठाए जाता था जो शहर,
शिफाखाने ले जाने को वही नौजवानी चाहता है।।
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कांधे पे हिज्र की अमानत लिए
कलाइयों की जेब़ा से जमानत किए
रिवाजों के जौला तोड़ती
इल्जामों का शरबत पिये डोलती
एक नज़्म
चली जा रही
उन गलियों में जिनसे कभी
मोहब्बत थी
बगावत थी
अदावत थी
पूरी होगी क्या उसकी तलाश
जिससे कभी
मोहब्बत थी या आज भी है......
(Caption में पूरा...)-
तुम्हें पता है
रात का आसमा समुंदर है
और तारे इसमें तैरती मछलियाॅं
चमकती हुई,
मैंने देखा है
एक लड़की को हर रात
अपनी आँखों में समुंदर भरते हुए
उनमें चमकीली मछलियाॅं तैरते हुए
(Caption में पूरा...)-
सुना है
प्रेम जब जीवन में आता है
समेट लाता है
समुंदर के सीने का लवण,
हथेलियों में
भर लाता है
मुठ्ठी भर बादल,
सुनाता है
पतझड़ में गिरते पत्तों का सरगम.....
(शेष caption में....)-
तुम्हें पता है,
प्रेम की आंच में
धूप पिघल जाती है
और उसकी शीतलता में
चांदनी भी तप जाती है......
(Caption में पूरा....)-