वंदना मौर्य   (वंदना)
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Nature lover💚

अप्प दीपो भवः

Hakuna matata😎

I will either find a way or make one.
Joined 16 May 2020


Nature lover💚

अप्प दीपो भवः

Hakuna matata😎

I will either find a way or make one.
Joined 16 May 2020
24 SEP 2022 AT 18:11

तुम्हें पता है,
प्रेम की आंच में
धूप पिघल जाती है
और उसकी शीतलता में
चांदनी भी तप जाती है......

(Caption में पूरा....)

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अपने पहले कदम के साथ
तुम्हें किसी के साथ की क्यों जरूरत
खुद ही अपने साथ के लिए
अपना दूसरा कदम आगे बढ़ाओ
जब तक तुम नहीं चलोगे
थमी ही रहेगी
तुम्हारे पैरों के नीचे की जमीं
नहीं चलेगा तुम्हारा आसमान...

(Caption में पूरा पढ़ें....)

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कुछ लड़कियां प्रेम में
नहीं जाना चाहती
चांद के पार
वो आरव के प्रेम में
सांझ बन बिखरना चाहती हैं
क्षितिज पर....

(Caption में पूरा....)

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और जब मैं अपनी
अनुभतियों को बिसरा
चेतना में डूबती हूं तो
महसूस करती हूं
मछलियों का कंकड़ों को चूमना
नाव के पालों को डोलना
मेपल का श्रृंगार
समुंदर की तड़पन
तुम्हारी हथेलियों की सिहरन
दूब का कंपन
और तुम्हारे उर का बहत्तरवा स्पंदन

(Caption में पूरा....)

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27 AUG 2022 AT 23:27

कहते हैं,
जाते वक्त सिद्धार्थ प्रेमी थे
जब लौटे तो बुद्ध बने
तुम जा रहे हो बुद्ध की तरह
मैं चाहूंगी लौटना तुम
एक प्रेमी की तरह....
ये जो खिला है तुम्हारे माथे पर
प्रेमियों की भाषा में
जबीं पर मिला बोसा
प्रेम का फूल है....

(Caption में पूरा....)

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20 AUG 2022 AT 19:58

मेरे ईश्वर ये दुनिया
युद्ध के बजाय प्रेम से पीड़ित हो सकती थी

सुनो जंगी लड़ाकों
जो तुम प्रेम करते
तो पता होता कि
एक बार युद्ध की त्रासदी भुलाई जा सकती है
प्रेम की कभी नहीं....

(Caption में पूरा पढ़ें...)

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19 AUG 2022 AT 23:54

सुनो दुनिया वालों जो
प्रेम में राधा या मीरा ना बन सको
तो सुदामा हो जाना सच्चे मन से
मेरा कन्हैया प्रेम का पारखी है
और सत्य का सारथी
वो तुम तक
नंगे पांव दौड़ा पहुंच जाएगा
बस तुम मिलना उसे प्रेम की डेहरी पर
ज्यादा नहीं...
बस तीन मुट्ठी चावल लिए....
तन-मन और आत्मा प्रेम में भीगे हुए....

( Caption में पूरा पढ़ें....)

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हमने नहीं दिए फूल
एक दूसरे को
किसी विशेष अवसर पर भी नहीं
हमारी किताबों से नहीं
झरी सूखी पंखुड़ियां
डायरी के पन्नों ने नहीं
चखा ट्यूलिप के (perfect love) रस का स्वाद

(Caption में पूरा.....)

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तुम्हारी आधी दुनिया में
तुम रहते हो
और आधे में एक नदी बहती है
जिसमें तुम अपनी प्रार्थना
मनचाही वस्तु की इच्छा कर सिक्का डालते जाते हो,
तुम्हें लगता है ईश्वर निकलेगा
उस नदी से
तुम्हारी इच्छाओं से भरी टोकरी लिए,

(Caption में पूरा पढ़ें.....)

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एक नदी बहती है
हमारे मध्य
एक तरफ तुम हो और दूसरी तरफ मैं
हमने नहीं चाहा कि नदी सूखे
और हमारे तट एक हों
नहीं छोड़ा नदी के उस तट को अकेले
जिसने हमें प्रेम के तट पर खड़ा किया है
.....
हमने चाहा तो बस इतना कि
एक पुल जरूर हो यहां
जिससे वो प्रेमी अपने तट पर लौट सकें
जिन्हें तैरना नहीं आता...

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