QUOTES ON #YQPOST

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20 APR AT 11:37

युद्ध

हां हम सब युद्ध कर रहे हैं
अपने अपने जीवन में
कोई युद्ध कर रहा है
अपने सपनों को साकार
करने के लिए,
कोई युद्ध कर रहा है
जीवन जीने के लिए
कोई अपने दुखों से
युद्ध कर रहा है ....

देखना एक दिन ये
युद्ध जीतेगा
जरूर जीतेगा

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26 JAN AT 14:39

कुछ भी तो रहता नहीं साथ में
सब कुछ बेगाना-सा नजर आता है,
आज कल हर चेहरा इस शहर में
मुझे अंजाना-सा नजर आता है,
मेरे सारे किस्से अब पुराने हो गए
उनमें अधुरा सा फ़साना नजर आता है,
कोई करता नहीं भरोसा मेरी बातों पर
मेरी निगाहों में उन्हें बहाना-सा नजर आता है,
यूं तो रहती है आस-पास मेरे भीड़ बहुत
मगर एक शख़्स में ही अब ज़माना नजर आता है।।

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7 NOV 2023 AT 17:09

तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊं ना
कि हर शक्स तुम्हारी तरफ देख रहा है!!

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4 NOV 2023 AT 2:47

रात में जागने में
और
नींद ना आने में फ़र्क हैं। 💫

#Late_Night_Thought

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26 AUG 2023 AT 1:12

लोग तुम्हें गुलाब नहीं होने के लिए कोसेंगे... 🌹
" मत सुनना"
सजाने वालों ने घरों में कैक्टस भी सजाया हैं...!!🌵

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22 AUG 2023 AT 17:57

बनारस की गली के गोलगप्पे तुम्हें खिलाएंगे
सुनो सजनियाँ हम तुम्हें आज अस्सी घाट गुमाएँगे
आपके लिए हम बनारसी साड़ी खरीद लाएंगे।

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6 JUL 2023 AT 21:29

हर रात वो दूर चला जाता काफ़िले से कहीं
पहले लगा चोर है शायद या किसी से मिलने जाता है
पर इक रोज़ मैने देखा उसे चुपके से
वो चुपचाप बैठा था
आसमान देख रहा था या तारे गिन रहा था
पर उसके मुख पर न भाव था आसमान देखने का
न गिनती न हिसाब!
मानो किसी ने श्राप दिया हो जा......पत्थर बन जा!
अहिल्या की तरह।
पर तब तो श्रीराम आए थे अहिल्या के उद्धार को
क्या अब भी.....?

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1 MAY 2023 AT 15:51

Zid na pucho
Ek eit bhi bewafa hoto hum puri DEEWAR gira dete Hain

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17 APR 2023 AT 2:42

Alfazon ke dewaane toh bahut mile gaye...!!

Talash toh uski h hai...jo khamoshi samj sake...!!

#3_AM_THOUGHT
😊😇

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19 FEB 2023 AT 9:21

तेरे दिल मे मेरा गुजारा काफी था
तेरे नाम के साथ मेरा नाम
लगता कितना प्यारा था
तुझसे कब मैंने कुछ ज्यादा मांगा था
अंधेरे रास्तो पर तु संग चले
इतना ही तो चाहा था

तुझसे कोई उम्मीद नहीं थी
पर तुझसे हर बात बेझिझक बोलती थी
तु उनमे से एक पर अमल करता
चल मेरी ना सुन....
अपनी तो कुछ कहता
मैं उसे बड़े चाव से सुनती
तेरी परेशानियो में मैं बेचैन होती
तुझ हर दिन मुझसे नया फ़रमाता
कभी अपने हाथो से मुझे खिलता
बस इतना ही तो चाहा था

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