नारी है तु, निडर है तू
नेत्र है तु हर परिवार का
नर ने तुझको नोचा हरदम, लेकिन
नर्म सदा तेरा स्वभाव रहा
निर्भय रह तु, चल राह अकेले
रोकेगा आखिर कौन तुझे
रावण तो कई मिलेंगे राह मे तेरे ,
रोना मत तु
नहीं है कोई यहाँ जहाँ में
नम आँखे पोछेगा कौन तेरे!
रात है काली, रौशनी बन
रोज सुबह होती ही है..
राज जान ले, सतरंज है जीवन
रानी बन, रुक मत..
कदम रोकेगा कौन तेरे
नारी है तु, नौ दुर्गा है, नई सुबह है
नमन है तुझको, नत मस्तक है
श्रेष्ठ है सारे रूप तेरे।..
नारी है तु ,निरमल है,खेवन है
रीडी रहेगा, कदम चुमेगा एकदिन ये संसार तेरे।
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