वो जो पहले अंधेरों से डरा करते थे
आज वो रातों में जिया करते हैं-
वो हमारा दिन पहर इंतज़ार करना
और फिर सुबह तलक बतियाने
की रातें..
वो चाहत में लिपटी हमारी यादों
भरी रातें
वो कुछ न कह कर भी कह
जाने की बातें..
जख्मो को बेनिशाँ कर
जाने की रातें
चहकती शामों से परे मेरी तुम्हारी वो
ख़ामोशी की रातें..
पूरी रात जाग’कर हज़ारो ख़्यालों के साथ
वो जीने की राते...
❤❤
"हाँ.... मेरी तुम्हारी अनकहीं बातों की रातें"!!!)
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(English+Hindi):
मुहोबत तो है एक जरिया जैसे कोई लोकल ट्रेन
रिश्तों की भी बुनियाद जैसे कोई पिज़्ज़ा बेस
अदब, खयाल और हमदर्दी है अस्ली लंबे सफर के इंजिन
जैसे चीज, ऑलिव, पनीर है टॉपिंग्स या जरूरती ग्रेस-
Thousands of misunderstandings millions of fights yet they stay together they are partners of life
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मेरी सहेली
तू हूरिस्तान की हूर हैं।
तू किसी नजर का नूर है।
नूरुन्निशा कहूँ तुझे।
तू मेरी नज़र का नूर है।
स्नेह और प्रेम भरपूर है।
हर बुराई से दूर है।
कुछ कर गुजरने का सुदूर है।
पर मंजिल अभी दूर है।
कभी संध्या सी नीरवता।
कभी उषा सी चंचलता।
दामिनी की सहेली है।
पर एक अंजान पहेली है।-
Ye muatbar deewar o dar
Hifz me rahe jinki umr bar
Mere siyah sapeed ke humraz the
Kabhi shareeq, kabhi shareeq e safar
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Log us waqt nhi girte jb wo pair se apahij hon,
balki us waqt girte hain jb unke zahen
apahij ho jaten hain.
Or ye girna unhe phir kbhi aage badhne nhi deta.-