कुछ मिला ही नहीं दुआ कर के
लौट आये ख़ुदा ख़ुदा कर के
पूछता है कि दर्द होता है..?
जान मुझसे मिरी जुदा कर के
बेरुखी उसकी माफ़ कर दी थी
क्यों खफा हो गया खफा कर के
कब से मैं ढूंढ रहा हूँ उसको
छुप गयी है ख़ुशी सदा कर के
साँस लेना लगे ज़हर सा है
वो गयी अपनी सी हवा कर के
जो कभी भी कही न रोया था
रो दिया इश्क़ की ख़ता कर के
बेरुखी सब की और रुस्वाई
ये मिला मुझको है भला कर के
रोग ये लाइलाज हो बैठा
देख ली फैज़ सब दवा कर के
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