ये मुनाशीफ नही हर किसी से मिले।
मोहब्बत जो करे बस उसी से मिले।।
नूर पैदा करे जुगनुओं कि तरह।
उम्र भर फिर रोशनी से मिले ।।
एक दिन आप हम क्या ना होंगे फना।
दुश्मनी छोड़िए दोस्ती से मिले ।।
हमसफर है हजारों मगर हम नवा । किसी से मिले तो खुशी से मिले ।।
रूह में हम सभी के उत्तर जाएंगे ।
शर्त यह है कि सादगी से मिले ।।
कुछ न कुछ तो करामात है प्रभु
हम कही भी गए आप से ही मिले।।
रूह की तमन्ना अभी शेष है ।
लग रहा है प्रभु अब तुझी से मिले ।।
काम का अब रहा नही यह जिस्म ।
क्यों ना अब हम नई जिंदगी से मिले।।
☠️ यमराज ☠️
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