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Shoqe-E-Rindana
Joined 18 May 2019


Shoqe-E-Rindana
Joined 18 May 2019
22 DEC 2024 AT 20:32


गुजरता हुआ दिसंबर और गर्माहट सी तेरी बाते.
बड़ी बेचैनी देती है बिन मेहबुब के ये सर्द राते

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5 SEP 2024 AT 16:20

हर वो शख्स गुरु है
जिससे आप सीख सकते है...


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2 JUN 2024 AT 18:50

दरकार तो उसे है मेरी पर नजर अंदाज करता
मै बयां नहीं करता और वो जाहिर नहीं करता

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26 MAY 2024 AT 21:44

जैसे - जैसे मौसम का मिजाज बदल गया.!!
वैसे वैसे रिन्द खामोशी के सांचे मे ढल गया.!

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26 FEB 2024 AT 16:49

जादुई आवाज का वो खजाना था
शांत ऐ खामोशी में तब्दील होगया...

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31 DEC 2023 AT 17:38

मुझ रिन्द को आज की शाम से क्या लेना
प्रभु श्री राम के नाम में मदहोश मुझें होना

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18 JUL 2022 AT 23:34

वो बाहरी दुनियाँ में खुश थी
और मै अंदरूनी दुःख में

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3 JUL 2022 AT 20:10

कभी तो बरस घटा ऐ जाम बनके, हम रिंदो की तृप्ति तो कर
प्यासे है सदियों से हम, कभी तो शाम ऐ अब्र हमारे नाम कर

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15 JUN 2022 AT 21:58

जो दफन होगये वो शौक थे
जो अब जिन्दा है वो रोग है

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12 JUN 2022 AT 19:30

जिनके जहन में सवाल थे उनके कदम मंदिर मज्जिद से होके गुजरे
मुझ रिन्द की तलाश सुकूँ ऐ होश की थी कदम महकाने से निकले

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