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Shoqe-E-Rindana
Joined 18 May 2019


Shoqe-E-Rindana
Joined 18 May 2019
26 FEB AT 16:49

जादुई आवाज का वो खजाना था
शांत ऐ खामोशी में तब्दील होगया...

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31 DEC 2023 AT 17:38

मुझ रिन्द को आज की शाम से क्या लेना
प्रभु श्री राम के नाम में मदहोश मुझें होना

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18 JUL 2022 AT 23:34

वो बाहरी दुनियाँ में खुश थी
और मै अंदरूनी दुःख में

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3 JUL 2022 AT 20:10

कभी तो बरस घटा ऐ जाम बनके, हम रिंदो की तृप्ति तो कर
प्यासे है सदियों से हम, कभी तो शाम ऐ अब्र हमारे नाम कर

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15 JUN 2022 AT 21:58

जो दफन होगये वो शौक थे
जो अब जिन्दा है वो रोग है

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12 JUN 2022 AT 19:30

जिनके जहन में सवाल थे उनके कदम मंदिर मज्जिद से होके गुजरे
मुझ रिन्द की तलाश सुकूँ ऐ होश की थी कदम महकाने से निकले

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29 MAR 2022 AT 14:02

अपने मर्ज की शिकायते किस्से करें यहाँ
सुना है सुनने वाला भी उसका कर्जदार है

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19 MAR 2022 AT 21:21

ऊपर वाले ने कौनसी कलम चलाई
मुरर्सत के क्षण भी अकेले तन्हा है

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6 FEB 2022 AT 14:53

जादुई आवाज का वो खजाना थी
शांत ऐ ख़ामोशी मे तब्दील होगई

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15 JAN 2022 AT 21:21

एक दिन शिकायत खुदा से करेंगे
कब ये रिंद-ऐ-रोग-ऐ-जख्म भरेंगे

जानता हुँ मरना हैँ एक दिन मुझे
बाकि गुजरे दिन कब तक कटेंगे

हिसाब तो हो क्या लेखा जोखा हैँ
अदायगी तेरी वक़्त से पहले करेंगे

तु बदल अपनी तकदीर ऐ लिखावट
लाखों मर्ज है चुकता बेहिसाब मरेंगे

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