जादुई आवाज का वो खजाना थाशांत ऐ खामोशी में तब्दील होगया... -
जादुई आवाज का वो खजाना थाशांत ऐ खामोशी में तब्दील होगया...
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मुझ रिन्द को आज की शाम से क्या लेनाप्रभु श्री राम के नाम में मदहोश मुझें होना -
मुझ रिन्द को आज की शाम से क्या लेनाप्रभु श्री राम के नाम में मदहोश मुझें होना
वो बाहरी दुनियाँ में खुश थी और मै अंदरूनी दुःख में -
वो बाहरी दुनियाँ में खुश थी और मै अंदरूनी दुःख में
कभी तो बरस घटा ऐ जाम बनके, हम रिंदो की तृप्ति तो कर प्यासे है सदियों से हम, कभी तो शाम ऐ अब्र हमारे नाम कर -
कभी तो बरस घटा ऐ जाम बनके, हम रिंदो की तृप्ति तो कर प्यासे है सदियों से हम, कभी तो शाम ऐ अब्र हमारे नाम कर
जो दफन होगये वो शौक थेजो अब जिन्दा है वो रोग है -
जो दफन होगये वो शौक थेजो अब जिन्दा है वो रोग है
जिनके जहन में सवाल थे उनके कदम मंदिर मज्जिद से होके गुजरेमुझ रिन्द की तलाश सुकूँ ऐ होश की थी कदम महकाने से निकले -
जिनके जहन में सवाल थे उनके कदम मंदिर मज्जिद से होके गुजरेमुझ रिन्द की तलाश सुकूँ ऐ होश की थी कदम महकाने से निकले
अपने मर्ज की शिकायते किस्से करें यहाँसुना है सुनने वाला भी उसका कर्जदार है -
अपने मर्ज की शिकायते किस्से करें यहाँसुना है सुनने वाला भी उसका कर्जदार है
ऊपर वाले ने कौनसी कलम चलाईमुरर्सत के क्षण भी अकेले तन्हा है -
ऊपर वाले ने कौनसी कलम चलाईमुरर्सत के क्षण भी अकेले तन्हा है
जादुई आवाज का वो खजाना थी शांत ऐ ख़ामोशी मे तब्दील होगई -
जादुई आवाज का वो खजाना थी शांत ऐ ख़ामोशी मे तब्दील होगई
एक दिन शिकायत खुदा से करेंगेकब ये रिंद-ऐ-रोग-ऐ-जख्म भरेंगे जानता हुँ मरना हैँ एक दिन मुझेबाकि गुजरे दिन कब तक कटेंगे हिसाब तो हो क्या लेखा जोखा हैँअदायगी तेरी वक़्त से पहले करेंगेतु बदल अपनी तकदीर ऐ लिखावटलाखों मर्ज है चुकता बेहिसाब मरेंगे -
एक दिन शिकायत खुदा से करेंगेकब ये रिंद-ऐ-रोग-ऐ-जख्म भरेंगे जानता हुँ मरना हैँ एक दिन मुझेबाकि गुजरे दिन कब तक कटेंगे हिसाब तो हो क्या लेखा जोखा हैँअदायगी तेरी वक़्त से पहले करेंगेतु बदल अपनी तकदीर ऐ लिखावटलाखों मर्ज है चुकता बेहिसाब मरेंगे