रिश्वत भी नहीं लेती मुझे छोड़ने की...
कमबख्त ये तेरी यादें भी
ईमानदार लगती है !-
दिल दुखता है मेरा भी यार
तुमने तो पत्थर ही समझ लिया
मेने एक बार क्या माफ कर दिया
हर वक़्त दुखाने का हक ही समझ लिया-
इश्क़ हमने भी किया ।।
इश्क़ तुमने भी किया ।।
बस फर्क इतना हैं की...
तुमने पल भर का किया
और हमने ज़िन्दगी भर का...
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तेरी यादो की टोकरी मे
गजल की पुकार मिलती है
खर्च हो जाते है झूठे वादे
वफ़ा कहा उधार मिलती है-
ज़ालिम वक़्त को कोई मतलब नहीं
किसी के सपने से
किसी के हसीन लम्हे से
बड़ा बेमरौत है
आँखे बंद कर चलता है
सब के चेहरे बदलते हुए
काश मेरे लिए उस पल रुक जाता
जब हम दोनों शादी के बंधन में बंधे थे
सब की नज़रों में बस हम-तुम ही बसे थे
थम जाता वो पल
सिर्फ मेरे लिए
हम दोनों के लिए
यूँही सदा दिखते हम दोनों
शादी की तस्वीरों की तरह
जो मेरे यादों के अल्बम में रहते हैं
फूलों से सजे हुए, ख्शबुओं में बसे हुए
गुलाबों की तरह खिले-खिले-
रिश्तों के कारोबार में थोड़ी पीछे सी हूं मैं..
कोशिश तो बहुत की फिर भी नाकाम सी हूं मैं..
उभरी मैं जब जब एक तारा बन कर ।।
लोगो को तलाश तब तब चांद की थी ।।-
जलाकर हसरत की राह पर चिराग आरज़ू के ,
हम तन्हा रातों में .. तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं-
तेरी यादों की हदें मुकर्रर कर दी मैंने
कि अब हर पल यूं मरा नहीं जाता-
वो रोए तो मगर मुझसे मुँह मोड़कर रोए,
कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकड़े,
मेरे बाद वो उन्हें जोड़-जोड़ कर रोए।-
गुरुर है हमे आज भी अपने चाँद पर,वो साथ नही है तो क्या हुआ
धड़कने चलती है आज भी मेरी बस उन्हीं के नाम से|-