मैं जीना चाहती हूं
स्वतंत्र विचारों के साथ
मेरे विचारों को तुम
परतंत्र न करो
मैं नदी की तरह बहना चाहती हूँ
अपने वेग से
मेरी दिशाएं मत बदलो ।
-
Work and think as a writer🖋📙
Nature lover🌺💐
follow me ... read more
रंग के चलन में प्रेम बेरंग हो गया ।
फिर आज एक दिल टूट केे ख़ामोश हो गया। ।
अनुशीर्षक पढ़े
(इंस्टाग्राम वाला प्यार)
-
तुम्हें याद है
इसी सर्द मौसम में
मैं तुम्हें पहली बार मिली थी
सुनहरी धूप जब हरी घासो में प्रेम भर रही थी
उसी घास पर
हम तुम एक साथ पर बहुत दूर बैठे थे
तुम किताबों में डूबे हुए और
मैं किताबों से बाहर की दुनिया में-
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
अटल बिहारी वाजपेयी जी-
कभी-कभी लगता है कि
ये दुनिया हमारे लिए तो कभी थी ही नहीं
हम तो गलती से यहां आ गए
-
आज मेरी नज़र ने देख लिया
सबकी नज़र मे
अपनी अहमियत !
अनुशीर्षक पड़े-
हे जिंदगी नहीं आसान
हर पड़ाव पर बदलते रिश्ते हैं|
कोई साथ नहीं देता है उम्र भर
प्रेम के बीच भी आ जाते नए रिश्ते हैं|-
गुनगुनाती वादियो ने, लपकती बेलो ने छेड़ा मधुर गीत है|
प्रकृति को प्रेयसी सी अंक में भरने को ये बर्खा अडी सी है||
अनुशीर्षक पढ़े
-