Adarsh Shubhanshu Dhakad   (Adarsh shubhanshu dhakad)
820 Followers · 946 Following

Joined 26 September 2019


Joined 26 September 2019
23 MAR 2022 AT 17:48

Paid Content

-


1 OCT 2021 AT 20:03

मन्दिर के दिये जैसी ही है यादें तुम्हारी।
बुझाना भी चाहूँ तो लोग फिर से जला देते हैं।।
❤️❤️❤️

-


26 NOV 2020 AT 7:26

आँखे पढ़िये और समझिये हमारी रजा क्या है..
हर बात लफ्जों मैं कह दे तो मजा क्या है..।।

-


21 NOV 2020 AT 8:40

मरने वाला क्यों मरा इसकी चिंता नहीं होती।
कब इसे लेकर जाना है यह चिंता होती है।।

-


18 NOV 2020 AT 9:10

कितने बेबस है हम तेरी चाहत मैं।
तुझे खोकर भी अब तक हम तेरे हैं।।

-


15 NOV 2020 AT 21:16

किसी को खुश करना है तो।
उसके बच्चों को खुश कर दो।।

-


23 OCT 2020 AT 8:33

दिल को सुकून हैं माँ...
तुम्हें दिल मैं बसाकर।।

-


2 OCT 2020 AT 13:14

आज तक जहाँ तुम पहुँचे ही नहीं...
किताब का मैं वो आखिरी पन्ना हूँ...।
❤❤❤

-


26 SEP 2020 AT 11:15

मैं हैरान हूँ कि मैं खुद से कैसे बिछड़ा।
मेरे अंदर तो मेला भी नहीं है।।
❤❤❤

-


26 SEP 2020 AT 8:54

बाग लगाना सीखो।
आग लगाना नहीं।।

-


Fetching Adarsh Shubhanshu Dhakad Quotes