Gaoo se hu gawar mat samajhna
Dekhne main bhale hi kharab hu magar dil Ka bekar mat samjhna
Jab tak tum ghamandi log bhuk se marr na jaao tab tak gaao ki mitti ko sona aur kissan ko izzatdar mat samajhna-
कुछ वर्षों पूर्व गाँव की सड़कों पर एक बस दौड़ा करती थी उस बस के पीछे कुछ बच्चे दौड़ा करते थे...जिन्हें शायद कहीं जाना नही होता था वो दौड़ उनके लिए एक खेल था बस..
कुछ समय बीता वो बच्चे बड़े होकर उसी बस में बैठ कर शहर आ गए...अब वो शहर की सड़कों पर सुबह शाम दौड़ लगाते हैं...उनके बच्चे अब शहर की मेट्रो में सफ़र करते हैं...
गाँव वाली बस अब नही चलती...शायद उसमें बैठने वाला और उनके पीछे दौड़ने वाला कोई बचा नही....-
बहुत दूर हो गया गाँव मेरा,
वो गर्मी वाला 'छाँव' मेरा,
जहाँ बसता था सावन 'खड़ंजो ' मे,
वो कागज वाला ' नाँव ' मेरा,
जो बुझाता था प्यास गर्मी में ,
वो माटी वाला 'मटका' मेरा ,
जहाँ लगता था बाजार सपनों का
वो गाँव वाला 'मॉल' मेरा ,
बहुत दूर हो गया वो....
गाँव मेरा !!
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उनसे मिलने को तरसती हैं आँखें,
तरस तरस कर बरसती हैं आँखें,
बरस बरस कर जब थक जाती हैं आँखें,
तो फिर से मिलने को तरसती हैं आँखें।-
बड़े सलीक़े से दुपट्टा ओढ़ा है उसने,
यक़ीनन ये बच्ची किसी गांव से होगी !!
بڑے سلیقہ سے دوپٹہ اوڑھآ ہے اس نے..
یقیناً یہ بچی کسی گاؤں سے ہوگی !!-
City lights appear to me like stars.They both twinkle and look beautiful from a distance but both can burn you down.......
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गाँव का स्कूल।
साक्षरता से दूर था,गाँव में ना कोई स्कूल था।
बस्ती में गरीबी थी,दसवीं पास करने की भी किसी ने नहीं सोची थी।
कुछ अमीर-जादे थे, जो अपने बच्चो को पढ़ा लेते,
शिक्षा के लिए उन्हें शहर भेजते।
गरीबों के पास तो खाने के नहीं थे पैसे,तो छात्रावास कैसे भेजते?
कुछ बच्चों के पढ़ने से गाँव साक्षर कैसे होता,
"क,ख और ग" इनके लिए अक्षर कैसे होता?
फिर, ना मंदिर मस्जिद, ना मॉल बना।
बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए, एक स्कूल बना।
बैर कराती मंदिर मस्जिद,मेल मिलाप कराता स्कूल।
अब, गरीब का बेटा गरीब नहीं,पढ़ लिख गए सभी।
असाक्षरता का नामोनिशान नहीं,बेटियां भी खूब पढ़ लिख रही।
न जाने कितने इंजीनियर और कितने डॉक्टर बने,
यहाँ से पढ़, कई अफसर बने।
शिक्षा एक हथियार हैं,इसका विकल्प ना कोई और है।
यह जीवन का आधार है।
शिक्षा की कदर कर लो,गुरुजनों का सम्मान कर लो।
बचे हुए गाँव में भी स्कूल खोल दो।-
गाँव वाला Love
जब हम अपना खेत में गेहूं पटा रहे होंगे
बगल के खेत में तुम चना का साग खोटने आना
माथा पर गमछा बाँधे जब तुमको हम देखेंगे
मूहँ घुमा के तुम मुस्काना आ तनी तनी शर्माना-