आओ बता दे दुनिया को सलाम आते रहेंगे,
तुम्हें दिखाने के लिए नहीं हमेशा सीधे रहेंगे।
किसी के लिए खुद के वजूद को नहीं खोएंगे,
चलो बता दे अब मुंह पे ताले लगा के नही सोयेंगे!
जो सोच है बेतुकी उसे जड़ से उजाड़ते रहेंगे,
शाइ'र है अपनी कलम से उजागर करते रहेंगे।
तुम्हारी सोच के कारण अपनी सोच नहीं बदलेंगे,
अहल-ए-मोहब्बत है हम की पयाम लिखते रहेंगे।
क़र्ज़ खत्म ना होगा कभी सब सूद भरते रहेंगे,
हम गवाही है खुद ही बेवजह जात बदलते रहेंगे।
एक फिक्र के पैकर है हमारे ज़ाविया ना बदलेंगे,
वजूद कैसे मिलेगा जब तक मंज़िल नहीं बदलेंगे।
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