विरोधाभास का जन्म मन के संशय से होता है मन के संशय को सुलझाओ विरोधभास को मिटाओ
-
🔸My Day 7 Sept. 🌼
🔸 Instagram- i.m.ge... read more
उसके अश्कों के आब्शार में
मैं इस कदर बह गया
उसके जाने के बाद मेरे पास
बस उसका दिया हुआ गम रह गया
जो ना कभी कहा ना महसूस किया
उस खलीश से हर रोज गुजरता हूं
मैं अपने एकाकीपन में हर पल
बस उसे याद करता हूं-
Zindagi Khwahishon
se Shuru Hoke
Kaash...... Pe Khatam
ho Jaati Hai-
हर मोड़ पे बस तुम ही मिलो
ऐसा मुमकिन तो नहीं था
बस एक तुम्हारे लिए...
हम अपनी मंजिल का रास्ता
बदलते चले गए...-
कहने भर की देर थी
और तुमने सब कुछ छोड़ दिया
हम तो सिर्फ रूठते थे
और तुमने तो रिश्ता ही तोड़ दिया-
दिल हल्का कर लेंगे
हम भी उस दिन
जिस दिन कोई अपना
हाथ थाम कर कहेगा
आओ साथ में गम बांटते हैं-
कोरे कागज सी हो गई है
ये दुनिया मेरी....
बिन तेरी प्यार भरी स्याही के 🍂-
उस मुस्कुराहट के
इंतजार में बैठे हैं
जो मुझे मेरी खुशी
का एहसास करा दे-
पुराने गमों को भुला कर
चलो नए पलों में खुशियां भरते हैं
एक प्यारी सी मुस्कान से
आओ एक नया आरंभ करते हैं
हम क्यों दूसरों की परवाह करें
चलिए हम खुद से ही शुरुआत करते हैं-
उसे याद ना करने के बहाने ढूंढता हूं...!
हर रोज उसे इसी बहाने से याद करता हूं
-