है काल बनके बरस रहा
कोई अदृश्य शक्ति, फैल रहा हवा में
नफरतों का ज़हर..
है मौत का तांडव, मच गया हाहाकार
कांपती है दुनिया, हर सोच बेकार..
न मिले कफ़न, न दो गज ज़मीन
ऐसा है मौत का कहर,
कि उड़ गए सबके होश..
नसीब नहीं कंधा, न तुलसी गंगाजल,
न अपनो का साथ,
छा गया काला साया आसमान में
न मिले रूह को आराम..
पड़ गए कम हॉस्पिटल, ऑक्सीजन, शमशान
देख ईश्वर की माया
हो गए सब बेबस लाचार..
फेल हो गए सभी वैज्ञानिक
फेल हो गया विज्ञान
जलती चिताए देख
सब करने लगे ईश्वर से आस..!-
लगवायी मैंने,
को वैक्सीन है !
लड़का कोविशेल्ड,
वाला चाहिए !
अब सरकार,
से विनती है !
ये नियम भी लागू,
कर दिया जाए !
क्योंकि पढ़ाई,
के साथ साथ !
प्रेम में भी कम्पटीशन,
बहुत बढ़ गया है !!-
सुनो "फलानी" आज
"Vaccine" लगवा
लिए हैं ज़िंदा रहे तो
कुछ दिनों के बाद
Post करेंगे अगर
न आए कुछ दिन
तो समझना Switch
off हो गए हैं...
🤔😒😏🙄-
सुनो डाक्टर साहब
जी अब कोई ईश्क
मोहब्बत के भी तो
वैक्सीन बना दो क्यों
की अब इन सब के
मरीज भी बढ़ रहे हैं
अंधा धुंध...
♥️🖤♥️-
Takleef
sirf mohabbat nahi deti..
Halat khrab
to vaccine se bhi ho rahi hai..!😶-
Vaccine तो मैंने भी लगवा ली
लेकिन फोटो लेकर सोशल मीडिया पर
पोस्ट नहीं कर पाई
अब मेरी vaccine को valid माना जाएगा कि नहीं
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺-
21 जून, दिन सोमवार
महाअभियान कोरोना वायरस वैक्सीन।
कोरोना का टीका अवश्य लगवायें,
दूसरों को भी प्रेरित करें।
👏👏👏👏👏-
*वो मंजर इस कदर तूफान बन के आया,*
*बेगुनाह, बेकसूरों को उड़ा ले गया।*
*सांसों की खरीदी इस क़दर हुई अस्पताल में,*
*वो रहीशों की सारी रहीसी छुड़ा ले गया।*
*मौत का खेल इतना चला कि।*
*किसी का सुहाग, माँ-बाप बुला ले गया।*
*जलाने वाले न मिले ढूंढते रहे,*
*आग न थी और शमशान सुला ले गया।*
*किसी का बचा सहारा किसी का कुछ न बचा।*
*इस राह में बस याद रही बाकी मोड़ ले गया।*
*देख लिया ये वक़्त भी अब वैक्सीन ही लगवाना ,*
*देश और परिवार बचा ये संदेश वक़्त दे गया।*
*चेतन कुमार नाथ (देवरी)*-