ख़्वाहिशों के कसूर होते हैं,
आदमी से ख़ता नहीं होती..!
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कहना बहुत कुछ चाहती हूँ,
पर कुछ कहने का ही मन नहीं है..
नदी को मानों जैसे,
आज बहनें का ही मन नहीं है...!-
ये शहर का शोर,
ये अन्दर की खामोशी लिए
नफ़रत की इस दुनियाँ को,
इंशान बड़े प्यार से अलविदा कह जाता है...— % &-
अच्छी लगती है मुझे
ये खुद में बसी खामोशी,
यूँ बेमतलब सवालों से
आसानी से बच जाती हूँ|-
Ye zindagi hmari apni hai
Isliye ise hme
Apne tarike se hi jeena chahiye
Kyuki yha
Na to logo ka muh Band honge
Na Zubaanein...!!-
ना जाने क्यों आज कल दिल,
बड़ा उदास सा है..
शिकवा नहीं किसी से,
खुद से ही पूछता ये कुछ सवाल सा है..
शोर से भरे माहौल में भी,
रहता कुछ खामोश सा है..
किसी चाह में गुमसुम,
एक अनोखा ऐहसास सा है..
खुद में ही उलझा,
कुछ जज्बात सा है..
ना जाने क्यों आज कल दिल,
बड़ा उदास सा है..!!-
Hame to apno ne luta,
Gairon mai kahan dam hai...
Or Kal samko ek dairy milk
Rakhi thi fridge me,
Bo kal rat se hi gum hain...!! 😕
#chatoresiblings
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उधार सी लगती है ज़िंदगी अब
पता नहीं किस-किसके बोझ के नीचे
मेरे अरमान दफ़्न है...!!-
I think what was tough
was not being able to talk to anyone
because I don't think
anyone understood
what I was experiencing...-