आज फिर तेरी याद आयी है,
लगता है तू घर से बाहर आयी है,
रंगीन मौसम और खूशमिजाज सा दिल लग रहा है,
लगता है हवाये मानो कह रही है
तूमसे आज मिलके आई है,
रिमझिम सी बारिस और सुनहरा सा वो पल,
हसिन लम्हे गुजरे थे जो कल,
न जाने किसने ये आग फिर से लगायी है,
निकला जब बाहर देख उन काले बादलो को,
छत से किसी ने वही कालरट्युन बजायी है,
लगता है मानो हवाओ मे तेरी खुश्बू सी छायी है,
आज फिर तेरी याद आयी है!
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