सुबह की नई किरण के साथ
एक नई उम्मीद आई है,
उसके आने की खबर
अपने साथ ढेरों खुशियां लाई है।-
माना कि रिश्ता नउम्मीद था हमारा
पर तुझसे उम्मीदें तो हमें जमाने भर की थी...-
सिलवटों से भरी....
इस जिंदगी में....
कुछ उम्मीदें....
ख़ुद से भी रख....
चाहे दगा दे दे....
हर इंसान तुझे....
कुछ इंसानियत....
खुद से भी रख....
तपिश जहन में....
लेकर चलने से....
क्या हासिल होगा....
कुछ जूनून अपने....
फ़र्ज़ की तरफ भी रख....
मिसाले यूं ही....
नहीं बनती यहां....
ऊंचाइयों को....
पाने के लिए....
कुछ सब्र....
ख़ुद में भी रख...!!!-
एक उम्मीद अभी बाकी है,,
यूं तो हिम्मत टूट चुकी है,,
पर नींव अभी बाकी है,,
जिंदगी में एक उम्मीद अभी बाकी है,,
निशा अब अपनी गहराइयों में है,,,
शायद होने वाला कोई उजाला हो,,
संध्या आई है तो क्या हुआ,,
उम्मीद रखो,,,
शायद रौशनी के लिए एक नया दिन कल आने वाला हो,,,,,
याद रखो,, जिंदगी में एक उम्मीद अभी बाकी है,,,,,-
kon nhi chahta Kisi ki chahat hona....
Pr aksar chahten ummido m jakad deti h....-
बीते वक़्त ने बहुत कुछ लिया है हमसे,,,
उम्मीद है,,,,
आने वाला वक़्त सिर्फ "उम्मीद" ही ना लाये.....-
Zarurat
Se jyada sochna bhi
Insan ki khushiya
Cheen leta hai.......-
जब हौसला कमज़ोर होने लगे
भरोसा जब खोने लगे
देख लेना उन्हें जिनकी
आशाएं हो तुमसे जुड़े-
Ufff.....ye uski berukhi ka gahra dariya...
Or usme meri chahat ki chhoti c naav🚣🏼-
हां कहते है दुनिया वाले उम्मीदों पर तो दुनिया कायम है...पर इतनी भी उम्मीदें न लगाओ किसी से की,
उम्मीदों के साथ तुम खुद भी टूट जाओ।
हां मानती हूं कि शायद ये उम्मीदें ही तो है जो जिंदगी जीने की वज़ह बनती है...पर
पर सच्चाई जानते हुए भी उम्मीदों पर चलना ज़िन्दगी को तबाह करती है...हां ये झूटी उम्मीदें शायद तुम्हे अच्छी लगती है,
पर इनके सहारे हक़ीक़त से दूर मत भागो क्योंकि ये उम्मीदें सिर्फ़ दर्द देती है...हां ये झूटी उम्मीदें सिर्फ़ दर्द देती है।-