QUOTES ON #TRANSGENDER

#transgender quotes

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22 AUG 2020 AT 16:20

RESPECT

Don't laugh at us, we too are human
We just need acceptance and affection

Every crossing street ends with a question
Inhuman are we is the conclusion

Every staring eye hit us to depth
Abandoned are we since the very first step

Never been included in the society
Boycotted from every right to equality

Leading no ways to earn reputably
Landed in begging and prostitution inevitably

Yes, transgenders are we
Requesting to set us free.

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24 AUG 2020 AT 12:21

किन्नर :- " एक सिमटती पहचान "

न नर हुँ न मादा , इस ब्रह्मांड की अनुठी संरचना हुँ ..
जज्बातों से लिपटे हैं दोनों प्राण मेरे , ईश्वर की इच्छा से पनपी रचना हूँ ..

सिमट रही है मेरी पहचान , गली मोहल्लों के चक्कर में ..
थक पड़े हैं ये इबादत के हाथ , दुखती तालियों के टक्कर में ..

अपनों से हुए पराया हम , इस समाज के कड़वे सवालों से ..
आखिर खुद के अस्तित्व से लड़ रहे हम , इस जहां के बनाए मसलों से ..

सनजो रखी है कुछ अनकही ख्वाहिशें , इस बिलखते मन के खाने में ..
ना चाहते हुए भी बिक रहे हैं ये तन , गुमनाम कोठियों के तहखाने में ..

झुकी रहती है हमारी निगाहें , समाज के हीन नजरिए से ..
चूर हो रहे हैं अरमानों में लिपटे आत्मसम्मान , परिवेश के तुझ रवैये से ..

मिल गई हमें संविधानिक सौगात , तीसरे दर्जे के रूप में ..
आखिर कब मिलेगी बुनियादी अधिकार , भारतीय नागरिक के स्वरूप में ..

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2 OCT 2017 AT 21:29

Transgenders 👏👏

मेरी किलकारियों ने सन्नाटों को शोर बना दिया,
दूसरे ही क्षण सबने देखने को होर लगा दिया,
मैं भी बंद आंँखों से देख रही थी सारा मंज़र,
क्यूं मांँ ने मुझें अपने गोद से उतार दिया ।

#completed in caption 👇

_Mr.Imperfect_ 📝✍

🍁 _Nishit Das_ 🍁






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7 FEB 2020 AT 17:41

"एक किन्नर"

ईश्वर की बनायी एक शख़्सियत हूँ मैं
सबसे अलग़ सबसे जुदा लेकिन रखती एक अहमियत हूँ मैं
हाँ, किन्नर हूँ मैं...
समाज में इज़्जत नहीँ है मेरी, लोग मुझे देख हँसा करतें हैं
लेक़िन फ़िर भी उन्हीं लोगों से पैसे माँग कर अपना पेट भरती हूँ मैं
हाँ, किन्नर हूँ मैं...
कभी सड़कों पे तो कभी ट्रेनों में तालियां बजाती हुई मिल जाती हूँ मैं
इसलिए नहीं की वही मेरा घर है बल्कि इसलिए की मेरा कोई घर ही नहीं है
हाँ, किन्नर हूँ मैं...
किसी के घर ख़ुशियाँ आने वाली हो तो सबसे पहले जान जाती हूँ मैं
बिन बुलाये ही उसके घर अपना आशीष देने पहुँच जाती हूँ मैं
और गर्व से कहती हूँ - "हाँ, किन्नर हूँ मैं..."

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26 MAR 2019 AT 18:14

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2 MAY 2021 AT 21:27

हीन कोटि का प्रेम वह है, जो नर और नारी के बीच होता है, इस प्रेम का लक्ष्य सन्तानोत्पत्ति है। किंतु इससे अधिक श्रेष्ठ प्रेम वह है, जो नर को नर से होता है, जब दो पुरुष आपस में प्रेम करते हैं, तब उस प्रेम से बच्चे नहीं जनमते बल्कि कला, ज्ञान और दर्शन उत्पन्न होते हैं।

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12 MAR 2022 AT 12:24

हां, मैं भी इस धरती का लाल हूं, निर्धारित आयु में सबके लिए आशीर्वाद हूं,
पहले बिछड़ा था अब अभिशाप हूं, अमीरी और खुशियों से सबके घर में मेहमान हूं।।

एक सस्ता-सा सोता फेरे ख़ुशबुओं का, बदन में कपड़े डाल के छाति उभारे हूं,
औरत के शरीर में पुंसत्व के साथ हूं, फिर भी इंसान के श्रेणी से बाहर हूं।।

जो तुम पढ़ के पहुंच गए हो चांद पे, मैं अब भी एक अनपढ़ता पे सवाल हूं,
तिरस्कृत ही इंसान पे अपमान हूं, मैं किन्नर-हिजड़े नाम से विश्व में बदनाम हूं।।

सबको अपने हिस्से का बिस्तर मिल गया, औरत ने ही तो औरत को जन्म दिया,
और अब उसी कोख से निकला पाप हूं, मैं आज भी चार दिवारी को बेहाल हूं।।

आज़ादी के कई साल हुए मुझे भी मौका दो, जैसे वासना की विराट गंगा ने मुझे फेंका है,
रेत के बाँबियों की खोख से जन्मा नाग हूं, मैं गाली नहीं सम्मान दो कि गर्व से हिजड़ा हूं।।

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24 JAN 2022 AT 23:27

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9 JUN 2020 AT 14:51

ना वो एक औरत है, ना मर्द है,
अपनी ही जिस्म में कैद एक दर्द है,
लोगो के लिए होतो पे रखती है दुआ,
नाह जाने उनके लिए क्यों वह अभिशाप है|

अगर एक आदमी का दिल ही,
एक आदमी को ही लग गया प्यारा,
तोह जवाब दो अवाम क्या बिगाड़ रहा तुम्हारा|

हां,हम लड़की है और लड़कीयो से प्यार लारती है|
दूसरी लड़कीया एवस पे मरती हैं,
लेकिन हम उनकी काली बिंदी में गुम हो जाते है|

खुदा की बनाई किसी बड़े दिलवाले ने,
अगर दोनों बनवटो को सामान प्यार से निहारा है,
तोह गलत क्या है जनाब,
वही तोह समझ नहीं आ रहा|

खुदा की और भी बनवाते है,
जो इन लब्ज़ो में नहीं समा रहे है,
पर यह सब लोग अब तक,
लोगो के समझ में क्यों नहीं आ रहे है|

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22 MAR 2018 AT 8:50

They feel blissful,
When i bless them.
But they mocked me
For evermore!



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