बा-अदब लेकिन मिज़ाज तल्ख़ ही रखना,
नर्म लहज़े की लोग कद्र करना भूल जाते हैं !-
12 MAR 2019 AT 9:48
13 JAN 2020 AT 12:55
चश्में खो जाएं तल्ख़ यादों के,तो बेहतर है,
एहसासों को निचोड़कर,ज़ख़्म भरा नहीं करते।
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12 NOV 2019 AT 11:16
बयां कर जाती हैं आँखें,जो हकीकत का तासुर,
यकीनन तल्ख़ हो सकता है,मगर झूठा कभी नहीं...-
20 OCT 2020 AT 14:42
मुख्तलिफ ज़ुबाँ
बेफ़िज़ूल का बहाना
अच्छे भले इंसान की
ज़िन्दगी जहन्नुम बनाना ।-
31 MAY 2018 AT 20:18
लहज़े में तल्ख़ इतनी थी, के जुबां से जलने की बू आती रही...
ज़िन्दगी आंखों के पानी में जा मिली, और ताकते रह गए हम...-
29 AUG 2022 AT 13:18
गुनाहों का पलड़ा भारी कैसे
ना होगा आख़िर,
सिद्दत से सब्र तो करते हैं
मग़र,
मुसलसल शिकवे के साथ !
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29 DEC 2020 AT 14:07
اے زندگی جتنی مرضی تلخیاں بڑھا
وعدہ ہے تجھے ہنس کر گزاریں گے
Aye zindagi jitni marzi talkhiyan bdhaa
Waada hai tujhe hans kr guzarenge.-
4 JAN 2023 AT 12:40
ग़म करे भी तो क्यूँ लोगों की तल्ख ज़ुबानी का,
आखिर_ ये दुनिया भी फानी है और इंसान भी !-