लोग छोड़ने की फ़िराक में बैठें हैं "स्पर्श",
बस कहीं गलती से भी एक गलती मिलने की देरी हैं।।-
Rahul
(©️स्पर्श)
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20 Aug 🎂
यू दिल की दरारों से झांका ना करो...
मेरा चांद वहीं ठहरता है दिन में...
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यू दिल की दरारों से झांका ना करो...
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Joined 28 January 2018
13 APR AT 21:20
11 MAR AT 19:25
हर जगह, बांट कर जाया कर दी अपनी मौजूदगी,
यूं मैंने खुद को एक दिन, बिल्कुल ही तन्हा कर दीया।।-
5 MAR AT 18:35
सारे करीबी हैं यहां, बस मतलब का मेला है,
हर शख्स जहां भी मिला, खुद में अकेला है!!-