Rahul   (©️स्पर्श)
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Joined 28 January 2018


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30 JUL AT 10:57

जिंदगी क्या है? सफ़र ही तो है..
लोग आए, ठहरे, और चलते बने।।

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29 JUL AT 11:30

सबने ऐसे एक एक गलतियां गिना दी जैसे,
वो खुदा ठहरे, और हम इंसान निकल गए।।

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13 APR AT 21:20

लोग छोड़ने की फ़िराक में बैठें हैं "स्पर्श",
बस कहीं गलती से भी एक गलती मिलने की देरी हैं।।

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7 APR AT 18:31

फिर अंत में,लोग वंचित रह जाते हैं,
प्रेम में, प्रेम से और स्वयं से।। ख़ैर....

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31 MAR AT 19:36

हम मिलें भी तो,
वो सारे एहसासों को समेट कर आग लगा गए!!

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22 MAR AT 18:43

हजार गम है सबको बताए कौन,
यूं जख्मों पर नमक लगाए कौन।।

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11 MAR AT 19:25

हर जगह, बांट कर जाया कर दी अपनी मौजूदगी,
यूं मैंने खुद को एक दिन, बिल्कुल ही तन्हा कर दीया।।

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10 MAR AT 20:37

मुझसे कहा गया के बुरा हूं, मैं
जब भी बैठा खुद से दूर ही बैठा।।

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8 MAR AT 23:04

और नहीं संभाल पाओगे मुझे,
लाओ मुझे मेरे हवाले कर दो..!!

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8 MAR AT 19:35

स्त्रियां काम से लौट कर भी,
काम पर ही लौटती हैं....!!

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